भारत में हर घंटे, कोई छात्र या युवा कर रहा है आत्महत्या
https://parstoday.ir/hi/news/india-i55573-भारत_में_हर_घंटे_कोई_छात्र_या_युवा_कर_रहा_है_आत्महत्या
भारत में जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार,  इस देश में आत्महत्या करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। भारत में आत्महत्या करने वाले लोगों में सबसे ज़्यादा युवा वर्ग है।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Jan ०९, २०१८ २०:४६ Asia/Kolkata
  • भारत में हर घंटे, कोई छात्र या युवा कर रहा है आत्महत्या

भारत में जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार,  इस देश में आत्महत्या करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। भारत में आत्महत्या करने वाले लोगों में सबसे ज़्यादा युवा वर्ग है।

समाचारपत्र “टाइम्स ऑफ इंडिया” के हवाले से इर्ना ने ख़बर दी है कि भारत में युवाओं में आत्महत्या का रुझान काफ़ी तेज़ी से बढ़ रहा है। ताज़ा सरकारी आकड़ों के अनुसार इस देश में हर घंटे कोई छात्र या युवा आत्महत्या कर रहा है।

आत्महत्या के मामले इतने ज़्यादा सामने आ रहे हैं कि देश के विभिन्न राज्यों के अधिकारियों ने इस संबंध में शहरों और गावों में जाकर युवाओं के परिवार वालों को चेताया है और घर के युवाओं पर ख़ास नज़र रखने के निर्देश भी दिए हैं।

भारतीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में युवाओं द्वारा की जा रही आत्महत्याओं का कारण, ड्रग्स का उपयोग, माता-पिता के बीच तलाक़, युवाओं के आपसी लड़ाई-झगड़े, भावनात्मक कार्यवाहियां और पढ़ाई लिखाई में पाई जाने वाली कठिनाइयां बताई गई हैं।

इस रिपोर्ट के अनुसार 2016 में भारत में नौ हज़ार पांच सौ युवाओं ने आत्महत्या की है जिससे पता चलता है कि भारत में हर घंटे स्कूल और कॉलेज के छात्र या युवा आत्महत्या कर रहे हैं। इन आंकड़ों के अनुसार आत्महत्या की अधिकांश घटनाएं पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में दर्ज की गईं हैं।

उल्लेखनीय है कि भारत, मानसिक स्वास्थ्य पर पर्याप्त ख़र्च नहीं करता है। वर्तमान में, यह देश मानसिक स्वास्थ्य पर अपने स्वास्थ्य बजट का मात्र 0.06 प्रतिशत ही ख़र्च करता है। यह आंकड़े बांग्लादेश के मुक़ाबले (0.44) कम है। वर्ष 2011 के विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि अधिकांश विकसित देशों ने मानसिक स्वास्थ्य अनुसंधान, बुनियादी ढांचे, फ्रेमवर्क और टैलेंट पूल पर अपने बजट का 4  प्रतिशत से ऊपर तक ख़र्च किया है। (RZ)