Jul २७, २०२३ २१:१८
पैग़म्बरे इस्लाम (स) के प्राण प्रिय नवासे हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके वफ़ादार साथियों की शहादत के शोक के दिनों में, हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा का रौज़ा और उसके आसपास का पूरा क्षेत्र कर्बला वालों का शोक मनाने वाले श्रद्धालुओं से भरा हुआ है ... शोक सभाओं का आयोजन करने वाली समिति के सदस्य अबू तालिब का कहना है कि इस समय दमिश्क़ में जिस तरह इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अज़ादारी करने वाले श्रद्धालुओं का जनसैलाब है वह इस बात को साबित करता है कि 1400 साल बीत जाने के बाद भी ....