पुदुचेरी विधानसभा में भी सीएए के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित
पुदुचेरी विधानसभा में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित हो गया है।
केरल, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के बाद अब केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी ने भी नागरिकता संशोधन क़ानून सीएए के ख़िलाफ़ विधानसभा में प्रस्ताव पास किया है। विधानसभा के एक विशेष सत्र में मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि एनआरसी और एनपीआर के साथ नागरिकता संशोधन क़ानून सीएए लागू करने की प्रस्तावित योजना देश की एकता और धर्मनिरपेक्षता के लिए ख़तरा है। उन्होंने नागरिकता संशोधन क़ानून को भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक बताया और कहा कि इसके माध्यम से केंद्र सरकार आरएसएस के हिंदू राष्ट्र के सपने को पूरा करने का रास्ता बना रही है। पुदुचेरी सीएए को न अपनाने वाला पहला केंद्र शासित राज्य बन गया है।
इससे पहले पुदुचेरी की राज्यपाल किरण बेदी ने राज्य सरकार को एक पत्र लिख कर कहा था कि उसे नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि संसद द्वारा पारित अधिनियम, केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू होता है और किसी भी तरीक़े से इससे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती या इस पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। मुख्यमंत्री नारायणसामी ने कहा कि उनकी सरकार इस मामले में किसी से डरती नहीं, प्रधानमंत्री चाहें तो इसके लिए उनकी सरकार को बर्ख़ास्त कर सकते हैं। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल, केरल, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश के बाद सीएए विरोधी प्रस्ताव पारित करने वाली पुदुचेरी की विधानसभा, ऐसा करने वाली छठी विधानसभा बन गई है। (HN)