सर्वदलीय बैठक, कई अहम पार्टियों को न्योता ही नहीं, केन्द्र से पार्टियां नाराज़, विपक्ष ने सरकार से पारदर्शिता की मांग कर दी
भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हिंसक झड़प के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सर्वदलीय बैठक कर रहे हैं जिसमें चीन के साथ जारी तनाव के विषय पर चर्चा हो रही है।
इस बैठक में पांच से अधिक सांसदों वाली पार्टी को आमंत्रित किया गया। इस संवेदनशील चरण में बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक में कुछ महत्वपूर्ण दलों को निमंत्रण नहीं दिया गया जिससे वह नाराज़ हैं।
सर्वदलीय बैठक में आम आदमी पार्टी को न बुलाए जाने पर आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि ऐसे समय में एकजुट रहते हुए आगे बढ़ने की ज़रूरत है।
सर्वदलीय बैठक में राष्ट्रीय जनता दल को न बुलाए जाने पर बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारी पार्टी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है, हमारे 5 सांसद हैं लेकिन हमें आमंत्रित नहीं किया गया। उनका कहना था कि राजनाथ सिंह को स्पष्ट करना चाहिए कि आरजेडी को क्यों आमंत्रित नहीं किया गया।
सर्वदलीय बैठक में एनसीपी प्रमुख और पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने कहा कि सैनिकों ने हथियार उठाए या नहीं, इसका फ़ैसला अंतर्राष्ट्रीय समझौतों से होता है। हमें ऐसे संवेदनशील मामलों का सम्मान करने की ज़रूरत है।
बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सेना मुस्तैदी के साथ गलवान घाटी में खड़ी है। उन्होंने सभी दलों के नेताओं को लद्दाख में सेना की तैनाती और अन्य जानकारी दी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्दर्शिता की मांग करते हुए कहा कि सीमा के हालात के बारे में सरकार, विपक्ष को समय-समय पर जानकारी दे। देश की अखंडता के लिए हम सरकार के साथ हैं।
इस बैठक में एनसीपी से शरद पवार, जेडीयू से नीतीश कुमार, लोजपा से चिराग पासवान के अलावा उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी सहित कुल 17 पार्टियों के नेता शामिल हैं। (AK)