इमाम हुसैन न्याय के प्रतीक थेः नरेन्द्र मोदी
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को न्याय का प्रतीक बताया है।
भारतीय प्रधानमंत्री ने रविवार 30 अगस्त को आशूरा के अवसर पर इमाम हुसैन के बारे में ट्वीट किया है।
भारत के प्रधानमंत्री ने कहा है कि इमाम हुसैन ने अन्याय को स्वीकार करने के बजाय अपना बलिदान दिया। वे शांति और न्याय की अपनी इच्छा में अटूट थे। उनकी शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी सदियों पहले थीं। इमाम हुसैन अमन और इंसाफ के लिए शहीद हो गए थे। उन्होंने अन्याय एवं अहंकार के विरुद्ध अपनी आवाज़ बुलंद की थी। इमाम हुसैन की यह सीख जितनी तब महत्वपूर्ण थी उससे अधिक आज की दुनिया के लिए अहम है।
ज्ञात रहे कि भारत में लोग बहुत ही श्रद्धा के साथ इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का ग़म मनातेे हैं। विशेष बात यह है कि भारत में मुसलमानों के अतिरिक्त अन्य धर्मों के मानने वाले भी मुहर्रम के कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। इमाम हुसैन के बारे में भारत के महान चिंतको, लेखकों, राजनेताओं और साहित्यकारों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये हैं। इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के बारे में भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का कथन है कि मैंने हुसैन से सीखा कि मज़लूमियत में किस तरह जीत हासिल की जा सकती है। इस्लाम की बढ़ोतरी हुसैन के बलिदान का एक नतीजा है जो एक महान संत थे।
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