भारतीय संसद का मानसून सत्र शुरू, कोरोना संकट और चीन से सीमावर्ती विवाद पर घिरेगी सरकार
भारत की संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया और इसमें कई अहम मुद्दों पर विपक्ष की ओर से सरकार को घेरे जाने की संभावना है।
भारत में कोरोना महामारी के बीच संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया है। सत्र शुरू होने से पहले सभी सांसदों तथा कर्मचारियों समेत 4000 से ज़्यादा लोगों की कोरोना जांच की गई है और पांच सांसद तथा कई कर्मचारी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। सत्र शुरू होने से पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक तरफ़ कोरोना है और दूसरी तरफ़ कर्तव्य और सांसदों ने कर्तव्य का रास्ता चुना है। उन्होंने कोरोना वैक्सीन के बारे में कहा कि जब तक दवाई नहीं, तब तक कोई ढिलाई नहीं, हम चाहते हैं कि दुनिया के किसी भी कोने में जल्दी से जल्दी वैक्सीन बन जाए। उन्होंने बताया कि भारत के वैज्ञानिक भी सफलता की ओर बढ़ रहे हैं।
लोकसभा का मानसून सत्र शुरू होने पर सांसदों ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। संसद सभापति ओम बिड़ला ने कहा कि वे एक सफल वक्ता और प्रशासक थे और उनका ज्ञान और अनुभव अद्वितीय था। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सेना के वीर जवान हिम्मत, जज़्बे और बुलंद हौसलों के साथ सीमा पर डटे हुए हैं और विश्वास है कि सभी सदस्य मिलकर संदेश देंगे कि पूरा देश जवानों के साथ खड़ा है जो सीमा पर मातृभूमि की रक्षा कर रहे हैं। इस सत्र के दौरान विपक्ष चीन के साथ एलएसी पर चल रहे विवाद, अर्थव्यवस्था और कोरोना संकट जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है। सरकार ने 11 विधेयक पेश करने की तैयारी की है और विपक्ष ने स्पष्ट कर दिया है कि वह कम-से-कम चार विधेयकों का विरोध करेगा। (HN)
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