मात्र 92 साल पुराने संसद भवन को क्यों बदलना चाहते हैं मोदी? क्या सच में लगभग 1000 करोड़ रुपये की नई इमारत की ज़रूरत?
भारत में नए संसद भवन का निर्माण शुरू होने जा रहा है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी आधारशिला रख दी है। एक ओर जहां पूरे भारत में किसान अपनी मांगो को लेकर सड़कों पर हैं वहीं मोदी सरकार नए संसद भवन के निर्माण की तैयारियों में व्यस्त है।
भारत में एक ओर किसान परेशान हैं, युवा बेरोज़गार हैं और व्यापारी मंदी का शिकार हैं वहीं इस देश की मोदी सरकार ने नए संसद भवन के निर्माण के लिए खज़ाने का मुंह खोल दिया है। क़रीब 971 करोड़ रुपये की लागत से बनने जा रहे संसद के नए भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2022 तक पूरा हो जाएगा। दुनियाभर से अगर तुलना करें तो भारत का संसद भवन अभी नया है और इसे बनाए हुए मात्र 92 साल ही हुए हैं। यही नहीं राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच में बनाए जाने वाले संसद के इस नए भवन को बनाने के लिए पहले करोड़ों रुपये की लागत से बनी इमारतों को भी तोड़ना होगा। दुनिया में कुछ ऐसे भी संसद भवन हैं जिनका निर्माण सैकड़ों साल पहले हुआ था और वे अभी भी देश के नीति निर्माताओं के बहस का केंद्र हैं।
आइए जानते हैं विश्व के प्रमुख देशों में कब हुआ था संसद भवन का निर्माणः
नीदरलैंड का संसद भवन दुनिया में सबसे पुराना
दुनियाभर में नीदरलैंड के संसद की इमारत द बिन्नेनहोफ (The Binnenhof) सबसे पुरानी मानी जाती है जिसका इस्तेमाल अभी हो रहा है। हेग शहर में बने इस भवन का निर्माण 13वीं शताब्दी में हुआ था। नीदरलैंड के संसद की इस ऐतिहासिक इमारत में अभी भी काम हो रहा है। इसके दोनों ही सदनों में संसद की बैठकें होती रहती हैं। यहीं पर ही इस देश के प्रधानमंत्री का कार्यालय भी है। यह मूल रूप से हॉलैंड के काउंट (यूरोपिय देशों में कुलीन और प्रभावशाली व्यक्तियों को दी जाने वाली एक उपाधि) के लिए बनाई गई थी। बाद में वर्ष 1584 में यह इमारत नीदरलैंड के राजनीति का केंद्र बन गई। इसे नीदरलैंड के 100 ऐतिहासिक स्थलों में शामिल किया गया है।
16वीं शताब्दी में बना था इटली का संसद भवन
नीदरलैंड की तरह से ही इटली का संसद भवन भी काफ़ी पुराना है। इटली के संसद भवन का नाम पलाज्ज़ो मडामा है और इसे इटली की राजधानी रोम में बनाया गया है। इसका निर्माण 16वीं शताब्दी में किया गया था। इस संसद भवन का निर्माण 1505 में पूरा हो गया था और यहां पर इटली की संसद के एक सदन द सीनेट ऑफ द रिपब्लिक की बैठक 1871 से हो रही है। शुरू में इस भवन का निर्माण मेडिसी परिवार के लिए किया गया था। बाद में इसे संसद भवन बना दिया गया। भारतीय संसद की तरह से इटली में भी काफ़ी सांसद हैं। द सीनेट ऑफ द रिपब्लिक के कुल 315 निर्वाचित सदस्य हैं।
फ्रांस के संसद भवन का 17वीं शताब्दी हुआ था निर्माण
एक अन्य यूरोपीय देश फ्रांस की संसद भी बैठक 17वीं शताब्दी की इमरात में होती है। इसका नाम लग्ज़मबर्ग पैलेस है और यह पेरिस में स्थित है। फ्रांसीसी भवन को राजा के भवन के रूप में 1615 से 1645 के बीच में बनाया गया था और वर्ष 1958 से लगातार यहां पर संसद भवन की बैठक होती है। फ्रांस के अलावा दुनियाभर में दो दर्जन ऐसे संसद भवन हैं जिनका निर्माण 19वीं शताब्दी में हुआ था और वे अभी भी सक्रिय हैं। इनमें से ज़्यादातर यूरोप और अमेरिकी महाद्वीप में स्थित हैं।
200 साल पुराना है अमेरिकी संसद भवन 'कैपिटल'
दुनिया के सबसे पुराने लोकतांत्रिक देशों में शामिल अमेरिका के संसद भवन कैपिटल का निर्माण सन 1800 में पूरा हुआ था और इसे नॉर्थ और साउथ अमेरिका में सबसे पुराना संसद भवन माना जाता है। अमेरिका की तरह से ही ब्रिटेन का संसद भवन भी काफ़ी पुराना है। ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन और हाउस ऑफ लॉर्ड्स का निर्माण क्रमश: 1840 और 1870 में हुआ था। दुनियाभर में 20वीं शताब्दी में भी कई संसद भवन का निर्माण हुआ है। चीन का ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल 1959 में बनकर तैयार हुआ। यहां पर नैशनल पीपुल कांग्रेस के 2900 से ज़्यादा सदस्यों की बैठक होती है।
भारत का संसद भवन मात्र 92 साल है पुराना
एडविन लुटियंस के डिज़ाइन के आधार पर बनाया गया भारत का नया संसद भवन 1921 में बनकर तैयार हो गया था। इसे बनाने में उस समय 83 करोड़ रुपये का खर्च आया था। यह पूरा परिसर 2.4 हेक्टेयर इलाके में बना है। वहीं भारतीय संसद के नए भवन को अब 971 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा है। इसे क़रीब 64500 वर्ग मीटर के इलाके में बनाया जाएगा। टाटा समूह इसे 2022 तक बनाकर तैयार कर देगा। इस बिल्डिंग में चार फ्लोर होंगे। इसके अंदर कुल 120 ऑफिस स्पेस होंगे। इसमें 6 प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। (रविश ज़ैदी)
नोटः इस लेख में प्रस्तुत किए गए विचार लेखक की व्यक्तिगत राय पर आधारित हैं।