May २९, २०२१ २०:१९ Asia/Kolkata
  • भारत सरकार को ट्वीटर की सलाहः अभिव्यक्ति की आज़ादी का सम्मान कीजिए!

नई दिल्ली में ट्वीटर के कार्यालय पर भारतीय पुलिस के दौरे के बाद माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्वीटर ने कहा है कि उन्हें भारत में अपने स्टाफ़ की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता है और हमारी मांग है कि भारत सरकार अभिव्यक्ति की आज़ादी का सम्मान करे।

ज्ञात रहे कि इन दिनों ट्वीटर और भारत सरकार के संबंध तनाव का शिकार हैं और मोदी सरकार की ओर से भारतीय प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ भर्त्सना सहित कोरोना वायरस के संकट से संबंधित कुछ सामग्री हटाने की मांग की जा रही है।

अमरीकी समाचार एजेंसी एपी के अनुसार ट्वीटर ने कहा है कि हमें पुलिस की ओर से धमकी भरे हथकंडे प्रयोग किए जाने का डर है और जिन लोगों को हम सेवाएं दे रहे हैं उनके लिए भी अभिव्यक्ति की आज़ादी ख़तरे में पड़ सकती है।

गत सोमवार को पुलिस ने नई दिल्ली में ट्वीटर के कार्यालय का दौरा किया था और एक नोटिस जारी किया था जिसमें भारत सरकार से जुड़े लोगों के कुछ ट्वीट्स को जोड़ तोड़ पर आधारित घोषित करने पर जवाब मांगा गया था।

पुलिस ने एक बयान में कहा है कि यह ज़ाहिर होता है कि ट्वीटर के पास कुछ एसी जानकारियां हैं जिनका हमें ज्ञान नहीं है जिसके आधार पर ट्वीटर ने इस सामग्री के बारे में यह टैग लगाया।

एक दिन पहले वाट्सएप ने 26 मई से लागू होने वाले सोशल मीडिया क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली में भारत सरकार के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा किया था। इस मुक़द्दमे में कहा गया है कि लागू किए गए क़ानूनों में से एक भारत के संविधान में मौजूद राज़दारी के अधिकारों का हनन है क्योंकि इसमें सोशल मीडिया कंपनियों को अधिकारियों की मांग पर किसी इंफ़ार्मेशन से जुड़े पहले व्यक्ति को चिन्हित करना होगा।

यह क़ानून लागू होने से 90 दिन पहले जब फ़रवरी में उसे पेश किया गया था तो उसी वक़्त से कंपनियों को इस पर गहरी चिंता थी।

भारत के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से लागू की गई इंटरमीडियरी गाइडलाइन्ज़ और डिजिटल मीडिया एथिक्स के माध्यम से सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज़ को पाबंद किया गया है कि अगर वह उनके पालन में नाकाम हुए तो क़ानूनी कार्यवाही के अधिकार से वंचित हो जाएंगे।

इस बारे में एक बयान में ट्वीटर ने कहा कि अपनी सेवा को उपलब्ध रखने के लिए हम भारत के इस क़ानून पर अमल करने की कोशिश करेंगे।

ट्वीटर ने कहा कि जिस तरह हम दुनिया भर में करते हैं उसी तरह पारदर्शिता के उसूलों, सारी आवाज़ों को प्लेटफ़ार्म देने के संकल्प और अभिव्यक्ति की आज़ादी की रक्षा और क़ानून के तहत राज़दारी के नियमों का कड़ाई से पालन जारी रखेंगे।

आलोचकों की ओर से मोदी सरकार पर यह आरोप है कि सोशल मीडिया विशेष रूप से ट्वीटर पर आलोचना को ख़ामोश कराने की कोशिश कर रही है। सत्ताधारी भाजपा के नेता इस आरोप को ख़ारिज करते हैं।

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