मानवाधिकार के बड़बोले दावेदारों पर ईरान के न्यायपालिक प्रमुख का सीधा प्रहार
(last modified Wed, 03 Aug 2022 12:20:57 GMT )
Aug ०३, २०२२ १७:५० Asia/Kolkata
  • मानवाधिकार के बड़बोले दावेदारों पर ईरान के न्यायपालिक प्रमुख का सीधा प्रहार

ईरान की न्यायपालिका के प्रमुख ग़ुलाम हुसैन मोहसेनी एजेई ने इस्लामी मानवाधिकार व मानवीय प्रतिष्ठा पुरस्कार वितरण के सातवें समारोह में कहा कि मानवाधिकार के झूठे दावे करने वाले पश्चिमी देशों को इंसान की भी सही परिभाषा नहीं मालूम है।

मोहसेनी एजेई ने पश्चिमी सरकारों के पिछले कुछ शताब्दियों के इतिहास का सरसरी जायज़ा लेते हुए कहा कि उन्होंने अलग अगल बहानों से दुनिया भर में भयानक अपराध किए, अलजीरिया, अफ़्रीक़ी देशों, भारत और फ़िलिस्तीन में, इराक़ और यमन में उनके अपराधों के बड़े भयानक रूप देखे जा सकते हैं।

यह बात सही है कि पश्चिमी देशों ने अपनी योजनाओं और एजेंडों से दुनिया के देशों को बड़ा नुक़सान पहुंचाया, कुछ देशों का तो इंफ़्रास्ट्रक्चर तबाह करके रख दिया। भयानक अपराधों का लंबा इतिहास रखने वाले फ़्रांस और ब्रिटेन मानवाधिकारों के विषय में इतने बड़े बड़े दावे और पाखंडी बातें करते हैं कि हैरत होती है।

वहीं वर्तमान काल में अमरीका इस संदर्भ में सबसे भयानक उदाहरण है। वह मानवाधिकार को हथकंडे के रूप में इस्तेमाल करता है और इसके ज़रिए अन्य देशों पर दबाव डालता है। अमरीका हर साल अन्य देशों में मानवाधिकार की स्थिति के बारे में रिपोर्ट जारी करता है और जो देश अमरीका की नीतियों से सहमत नहीं हैं उन्हें इस रिपोर्ट में ख़ूब निशाना बनाता है। रूसी टीकाकार आंद्रानीक मिगरानियान का कहना है कि अमरीका अन्य देशों की तुलना में कहीं ज़्यादा मानवाधिकारों का हनन कर रहा है। यह सवाल अहम है कि अमरीका को यह हक़ कैसे है कि वह अन्य देशों के भीतर मानवाधिकार की स्थिति के बारे में टिप्पणी करे।

अमरीकी सरकार मानवाधिकार के सम्मान के दावे तो बहुत करती है और व्यक्तिगत व सामूहिक आज़ादी की हिफ़ाज़त के बड़े नारे लगाती है मगर स्थानीय मूल निवासियों और अश्वेतों के साथ अमरीकी सरकार और स्टैब्लिशमेंट के क्रूर रवैए की घटनाओं को देखिए तो बिल्कुल अलग तसवीर सामने आती है। वाशिंग्टन सरकार की ख़ास बात यह है कि वह बड़ी ढिटाई से झूठ बोलती है और बड़ी ढिटाई से अपने वादों की उपेक्षा करती है। कोरोना वायरस की महामारी फैली तो मूल निवासियों और अश्वेतों को और ज़्यादा नुक़सान पहुंचा। ईरान की संसद में विदेश नीति व राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के प्रमुख वहीद जलाल ज़ादे ने अमरीका के हाथों मानवाधिकारों के हनन के बारे में कहा कि अमरीका की आबादी दुनिया की कुल आबादी का पांच प्रतिशत है मगर दुनिया के 25 प्रतिश क़ैदी इस देश में हैं लैटिन अमेरिकी मूल और अफ़्रीक़ी मूल के लोगों के साथ बड़ी बेरहमी का बर्ताव किया जाता है मगर अमरीका इसके बाद भी मानवाधिकारों का पहरेदार कहता है।

विदेशों में भी अमरीकी सरकार, सेना और अन्य संस्थाओं की गतिविधियां बड़ी भयानक और निंदनीय हैं। अमरीका ने वियतनाम, अफ़ग़ानिस्तान, इराक़, और सीरिया जैसे देशों में मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाई हैं ग्वांतानामो जेल को दुनिया कभी भी नहीं भूल सकती जहां क़ैदियों को अमानवीय यातनाएं दी गईं।

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