दंगाइयों ने देश को पहुंचाई भारी क्षति
ईरान में हालिया दिनों में किये जाने वाले उपद्रव से व्यापक पैमाने पर क्षति हुई है।
हालिया कुछ दिनों के दौरान इस्लामी क्रांति के विरोधी संचार माध्यमों और विदेशी तत्वों के उकसावे में आकर दंगाइयों ने ईरान के विभिन्न नगरों में उपद्रव किया। इन उपद्रवों के परिणाम स्वरूप देश में निजी और सरकारी संपत्ति को बहुत नुक़सान पहुंचा।
ईरान के कुछ नगरों में सड़को पर आकर उपद्रवियों ने बैकों को आग लगाई, एंबुलेंस पर हमले किये और सुरक्षाबलों को अपनी हिंसक कार्यवाही का निशाना बनाया। हालिया घटनाक्रम के बारे में सोशल मीडिया पर नज़र डालने से पता चलता है कि विदेशों से संचालित ईरान विरोधी चैनेलों ने देश के भीतर जारी उपद्रव को भड़काने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने प्रदर्शनों को हिंसक बनाने के लिए लोगों को खूब उकसाया।
यह दंगे एसी स्थति में हो रहे हैं कि जब देश के सुरक्षाबल हालात पर बहुत नज़दीक से नज़र रखे हुए हैं। उनकी प्राथमिकता यह है कि पहले दंगों का नेतृत्व करने वालों और विदेशी गुप्तचर सेवाओं की सहायता प्राप्त आतंकी गुटों पर नियंत्रण किया जाए क्योंकि वे उनके संपर्क में हैं। हमशहरी आनलाइन के अनुसार इन दिनों में जिनको सबसे अधिक नुक़सार पहुंचा उनमें बैंकों को सर्वाधिक नुक़सान पहुंचा।
हालिया दंगों के दौरान कम से कम 20 बैंकों को आग लगा दी गई। इसके अतिरिक्त 85 एंबुलेंसों को भी नुक़सान पहुंचा। हालिया अशांति के दौरान 16 सुरक्षाबल शहीद हुए जिनमें बसीजी अर्थाो स्वयंसेवी, सैनिक और पुलिसकर्मी आदि शामिल हैं। उपद्रवियों ने फाएर ब्रिगेड की गाड़ियों पर भी हमले किये। उनके हमलों में फ़ाएर ब्रिगेड की कम से कम 30 गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुईं जिनमें से अधिकांश राजधानी तेहरान की थीं। दंगाइयों ने बसों पर भी हमले किये जिनको आम लोग प्रयोग करते हैं। उनके हमलों में कम से कम 100 बसों को काफ़ी नुक़सान पहुंचा। देश के विभिन्न नगरों में पुलिस के वाहनों को भी नहीं आक्रमण का निशाना बनाया गया। पुलिस के 15 वाहनों के देश के अलग-अलग नगरों में हिंसा का निशाना बनाया गया जिनमें से कुछ को आग लगाई गई।
ईरान के गुप्तचर विभाग ने उपद्रव के दौरान 9 एसे षडयंत्रकारियों को पकड़ा जिनका संबन्ध दूसरे देशों से था जैसे जर्मनी, पौलैण्ड, इटली, फ्रांस, हालैण्ड और स्वीडेन। ईरान में राजशाही व्यवस्था वापस लाने के समर्थक 92 अन्य लोगों को भी गिरफ़्तार किया गया है जो परोक्ष या अपरोक्ष रूप में दंगाइयों का नेतृत्व कर रहे थे। देश में फैली हालिया अशांति में गुंडा एलीमेंट को अधिक सक्रिय देखा गया। इनमें से 28 एसे लोगों को गिरफ़्तार किया गया है जो मादक पदार्थों की तस्करी, गुंडागर्दी और अशांति फैलाने में पहले से थे। इनमें से कुछ एसे हैं जो जेल की सज़ा काट चुके हैं। इनके अतिरिक्त कुछ आतंकी गुटों के बड़े स्तर के सदस्य भी पकड़े गए हैं जैसे कूमेला, देमोक्रेट और पेज़ाक आदि।
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