दंगे और उपद्रव विकास के रास्ते में सबसे बड़ी रुकावटः राष्ट्रपति रईसी
इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति ने इस बात को साफ़ किया कि सरकार प्रदर्शनकारियों और विरोधियों की बात सुनने के लिए तैयार है लेकिन दंगे और उपद्रव किसी भी तरह की वार्ता और विकास दोनों के लिए सबसे बड़ी रुकावट है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने अशांति को रेड लाइन बताते हुए कहा कि विरोध-प्रदर्शन और उपद्रव के बीच काफ़ी अंतर है। उन्होंने कहा कि देश की जनता चाहती है कि हम दंगाईयों के साथ सख़्ती से निपटें। राष्ट्रपति रईसी ने कहा कि आज दुश्मन ने पूरी योजना के साथ इस्लामी क्रांति के साथ समग्र युद्ध छेड़ रखा है। उन्होंने कहा कि इस युद्ध के माध्यम से दुश्मन ने हमारे समाज, सामाजिक विश्वास, सार्वजनिक संपत्तियों और विकास की ओर बढ़ते हमारे क़दमों को क्षति पहुंचाने की कोशिश की है। राष्ट्रपति रईसी ने कहा कि उपद्रवियों, देशद्रोहियों और शत्रुओं की साज़िशों से निपटने का तरीक़ा यह है कि लोगों के कल्याण और सुख-सुविधाओं से संबंधित कार्यों को बिना देरी किए अंजाम दिया जाए। उन्होंने कहा कि हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि बिना समय गंवाए जनता की समस्याओं के समाधान के लिए काम करें और अतिरिक्त प्रयास किया जाए।
उल्लेखनीय है कि महसा अमीनी नामक कुर्द लड़की की मौत को बहाना बनाकर हालिया दिनों में अमेरिका और उसके सहयोगियों ने ईरान में दंगे भड़काने की कोशिश की। इस बीच ईरान दुश्मन शक्तियों ने एक साथ मिलकर ईरान पर चौतरफ़ा हमला करना शुरू कर दिया ताकि ईरान में भड़की दंगों की आग ख़ामोश न होने पाए। लेकिन ईरानी जनता की सूझबूझ और सर्वोच्च नेता के नेतृत्व ने एक बार फिर दुश्मनों की साज़िशों को नाकाम बना दिया है। बता दें कि हालिया दंगों में, अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों के राजनीतिक नेताओं, उनके मीडिया, साथ ही पश्चिम द्वारा समर्थित फ़ार्सी मीडिया ने एक दुखद घटना का दुरुपयोग किया और ईरानी राष्ट्र के अधिकारों का समर्थन करने के झूठे नारे के साथ दंगाइयों और उपद्रवियों का खुलकर समर्थन किया। साथ ही हर संभव कोशिश की ताकि ईरान में मौजूद शांति को नुक़सान पहुंचा सकें। (RZ)
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