इस्लामी क्रांति रुक नहीं सकतीः जनरल हुसैन सलामी
आईआरजीसी के कमांडर हुसैन सलामी कहते हैं कि इस्लामी क्रांति अभी अपने आरंभिक चरण में है।
ईरान की इस्लामी क्रांति संरक्षक बल सिपाहे पासदारान के कमांडर जनरल हुसैन सलामी ने शहीद क़ासिम सुलैमानी की तीसरी बरसी के अवसर पर केरमान में कहा कि इस्लामी क्रांति की उपलब्धियां आज भी सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि इस्लामी क्रांति रुकने वाली नहीं है और अभी यह अपने आरंभिक चरण में है।
जनरल हुसैन सलामी ने कहा कि शहीद क़ासिम सुलैमानी बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे जो हर दृष्टि से एक परिपूर्ण इंसान थे। उन्होंने कहा कि शत्रु यह चाहते थे कि क्षेत्र में अपने सैनिकों को भेजकर अपने सैन्य वर्चस्व का दिखावा करें किंतु शहीद क़ासिम सुलैमानी ने उनको एसा करने नहीं दिया। उन्होंने यह भी कहा कि इस्लामी क्रांति के बारे में शत्रु के समीकरण बिगड़ चुके हैं।
केरमान में बोलते हुए ईरान की इस्लामी क्रांति संरक्षक बल सिपाहे पासदारान के कमांडर जनरल हुसैन सलामी ने कहा कि यह बात सही है कि हम शहीद क़ासिम सुलैमानी के हत्यारों आए दिन बदला लेते रहते हैं किंतु उनके मुख्य हत्यारों से बदला लेना अभी बाक़ी है।
याद रहे कि विदेशमंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने इससे पहले कहा है कि आईआरजीसी के कमान्डर जनरल क़ासिम सुलैमानी की हत्या के मामले को ईरान हर स्तर पर उठाएगा। उन्होंने कहा कि विदेशमंत्रालय, न्यायपालिका और इराक़ सरकार के संबंधित पक्ष के सहयोग से क़ानूनी चैनलों से उन लोगों को क़ानून के कटहरे में लाने के प्रयास किये जा रहे हैं जो इस अपराध में लिप्त हैं।
उल्लेखनीय है कि आईआरजीसी की कुद्स ब्रिगेड के कमांडर जनरल क़ासिम सुलेमानी और इराकी स्वंयसेवी बल के उप कमांडर, अबू मेहदी अल-मोहन्दिस तथा उनके 8 साथियों को तीन जनवरी सन 2020 में अमरीकी सैनिकों ने एक आतंकी कार्यवाही करके उस समय शहीद कर दिया था जब वे इराक़ी प्रधानमंत्री के निमंत्रण पर उसने मिलने बग़दाद गए थे।
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