क्या यूरोप अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जा रहा है?
ईरान के आंतरिक मामलों में यूरोपीय संघ का हस्तक्षेप जारी है और यूरोपीय संसद ईरान की आईआरजीसी को आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल करने के मुद्दे पर विचार कर रही है।
ईरान में अशांति को लेकर मंगलवार को यूरोपीय संसद की बैठक में इस संसद के सांसदों ने आईआरजीसी को आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल करने, तेहरान के ख़िलाफ़ मानवाधिकारों के बारे प्रतिबंधों को तेज़ करने और ईरान को जवाबदेह ठहराने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
यूरोपीय संसद की सदस्य "अबीर अल-सहलानी" ने दावा किया है कि आईआरजीसी, यूरोप में आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल होने के बहुत क़रीब है, उधर ब्रिटेन भी आईआरजीसी को भी आतंकवादी क़रार देने पर विचार कर रहा है।
11 जनवरी को ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव को मंज़ूरी दी जो इस देश की सरकार से आतंकवादी संगठनों की सूची में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स को शामिल करने पर बल देता है। यह प्रस्ताव बाध्यकारी नहीं है और इस कार्रवाई के संबंध में इस देश की एक निगरानी निकाय की चेतावनी के बावजूद इसे ब्रिटिश संसद में सर्वसम्मति से पारित किया गया।
ईरानी संसद के प्रेसीडियम के प्रवक्ता निज़ामुद्दीन मूसवी ने अपने ट्वीट कर यूरोपीय संसदों को संबोधित करते हुए कहा कि आईआरजीसी के ख़िलाफ़ कोई भी प्रस्ताव का ईरानी संसद मुंहतोड़ जवाब देगी। उन्होंने ट्वीट कर पश्चिमी देशों की ओर से आईआरजीसी पर प्रतिबंध और उसे ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही को मूल्यहीन और सिर्फ एक बेतुका व शातिर पैंतरेबाज़ी क़रार दिया।
ब्रसल्स में यूरोपीय संघ के देशों के विदेश मंत्रियों ने आतंकवादी गुटों की सूची में आईआरजीसी को शामिल करने का मुद्दा उठाया था। पर्यवेक्षकों का मानना है कि इस मुद्दे का परिणाम फ़रवरी 2023 के अंत तक स्पष्ट हो जाएगा, इसीलिए यह उम्मीद नहीं की जानी चाहिए कि 23 जनवरी को ब्रसल्स में विदेशी मामलों के मंत्रिपरिषद की अगली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा समाप्त हो जाएगी। कहा जाता है कि जर्मनी, नीदरलैंड और चेक गणराज्य आईआरजीसी को आतंकवादी गुटों की सूची में शामिल करने के पक्ष में हैं।
आईआरजीसी को आतंकवादी घोषित करने के बारे में यूरोपीय संघ और यूरोपीय संसद जैसी उसकी संस्थाओं का अभूतपूर्व प्रयास, वास्तव में यूरोप की ओर से अमरीका के अंधे और अविवेकपूर्ण अनुसरण का चिन्ह है।
8 अप्रैल 2019 को अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करते हुए एक अभूतपूर्व कार्रवाई की और एक विदेशी आतंकी संगठन के रूप में आईआरजीसी पर प्रतिबंध लगाने के मसौदे पर हस्ताक्षर कर दिए।
इस प्रकार से आईआरजीसी के ख़िलाफ अपनी कार्रवाई से ट्रम्प प्रशासन ने अंतर्राष्ट्रीय कानून की धज्जियां उड़ाते हुए अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों और नियमों को ध्वस्त करने की दिशा में एक नया क़दम उठाया। (AK)