मेहनत और प्रयास करना भी एक कला हैः रईसी
राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने कहा है कि जहां पर परिश्रम करना कला है वहीं पर लोगों के लिए काम करना भी एक कला है।
सैयद इब्राहीम रईसी ने सोमवार को राष्ट्रव्यापी प्रबंधन सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश में जो लोग संसद या सरकार में हैं और उनके पास कोई ज़िम्मेदारी है तो सबको उनकी सहायता करनी चाहिए ताकि वे अपने प्रयासों में सफल रहें। उन्होंने कहा कि हमारी सोच समस्याओं के समाधान पर केन्द्रित होनी चाहिए।
राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी का कहना था कि बड़ी शक्तियां सेवा करने की आड़ में संसाधनों का दोहन करती हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में महाशक्तियां यह नहीं कहती हैं कि हम अफ़्रीका में संसाधनों का दोहन करना चाहते हैं बल्कि वे कहते हैं कि हम आपकी सेवा करना चाहते हैं हालांकि उनकी सोच भौतिक होती है और वे अपना फाएदा देखते हैं। जहां पर ही उनके हित होते हैं वे वहां पर मौजूद हो जाते हैं।
राष्ट्रपति रईसी ने कहा कि पवित्र नगर मशहद में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के संबोधन का केन्द्र, परिवर्तन था। उन्होंने कहा कि परिवर्तन की विचाधारा के लिए चाहने, जानने और सक्षम होने की आवश्यकता होती है। इससे पता चलता है कि इसमें ज्ञान भी निहित है और आशा की किरण भी पाई जाती है।
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