पूरी दुनिया हज़रत अली के शोक में डूबी....वीडियो
इस्लामी गणतंत्र ईरान और इराक़ सहित दुनिया के ज़्यादातर देशों में रोज़ेदारों ने शबे क़द्र की उपासना की और साथ ही हज़रत अली अलैहिस्सलाम का शोक मनाया जा रहा है।
रविवार की रात से ही ईरान में मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों पर रोज़ेदारों और श्रद्धालुओं की भीड़ रही और रात भर लोग उपासना, प्रार्थना करते रहे और उन्होंने हज़रत अली अलैहिस्सलाम का शोक मनाया। ईरान के समस्त छोटे बड़े शहरों विशेषकर पवित्र नगर मशहद और क़ुम में हर ओर शोक सभाओं का क्रम जारी है।
इस अवसर पर पूरे ईरान में काले पर्दे लगे हुए हैं जबकि मस्जिदों, इमामबाड़ों और धार्मिक स्थलों तथा सड़कों पर काले झंडे लगाए गये हैं। पवित्र नगर मशहद में हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम और क़ुम में हज़रत मासूमा के रौज़ों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हैं।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार इराक़ के पवित्र नगरों नजफ़, कर्बला, काज़ेमैन, सामर्रा और मस्जिदे कूफ़ा में कार्यक्रमों का क्रम जारी है। पवित्र नजफ़ से आईआरआईबी के संवाददाता जलाल ख़ालेदी ने रिपोर्ट दी है कि बुधवार की शाम तक पवित्र नगर नजफ में 30 लाख से अधिक इराक़ी और विदेशी तीर्थयात्री पहुंच चुके थे। यह श्रद्धालु और तीर्थयात्री ईरान, भारत, पाकिस्तान, लेबनान, बहरैन और कुछ अफ़्रीक़ी देशों से पहुंचे हैं। इराक़ सरकार ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए चार सुरक्षा बेल्ट बनाई है जिसमें पुलिस, सेना और स्वयंसेवी बल के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ ड्यूटी अंजाम दे रहे हैं।
19 रमज़ान की तारीख़, इस्लामी कैलेंडर में दो कारणों से बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। 19 रमज़ान की रात जहां शबे क़द्र मानी जाने वाली रमज़ान की तीन रातों में से एक है, वहीं 19 रमज़ान को सुबह सवेरे इराक़ स्थित क़ूफ़ा नामक मस्जिद में नमाज़ के दौरान सजदे की हालत में इब्ने मुल्जिम नाम के व्यक्ति ने हज़रत अली (अ) के सिर पर ज़हर में बुझी हुई तलवार से हमला करके गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था, जिसके तीन दिन बाद आपकी शहादत हो गई थी।
चालीस हिजरी क़मरी में 19 रमज़ान को सुबह की नमाज़ की हालत में इब्ने मुल्जिम नामक धर्मभ्रष्ट व्यक्ति ने हज़रत अली अलैहिस्सलाम पर प्राणघातक हमला किया था और उसी हमले की वजह से हज़रत अली अलैहिस्सलाम 21 रमज़ान को शहीद हो गये। (AK)
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