विजय के निकट पहुंच चुका है प्रतिरोध का मोर्चा
(last modified Tue, 02 Jan 2024 10:18:51 GMT )
Jan ०२, २०२४ १५:४८ Asia/Kolkata
  • विजय के निकट पहुंच चुका है प्रतिरोध का मोर्चा

अलहैदरी कहते हैं कि शहीद क़ासिम सुलैमानी के अथक प्रयासों के कारण प्रतिरोध का मोर्चा, अब सफलता के पास पहुंच चुका है।

इराक़ के प्रतिरोध संगठनों के महासचिव कहते हैं कि प्रतिरोध का मोर्चा, विजय के निकट पहुंच चुका है। 

हाशिम अलहैदरी ने ईरान के देजफुल नगर में शहीद क़ासिम सुलैमानी की चौथी बरसी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि इस्लामी क्रांत के वरिष्ठ नेता के नेतृत्व और जनरल क़ासिम सुलैमानी के अथक प्रयासों के कारण प्रतिरोध का मोर्चा, सफलता के पास पहुंच चुका है। 

उन्होंने ईरान को आध्यात्म का केन्द्र बताते हुए कहा कि शहीदों के कारण ईरान में जो शांति एवं स्थिरता है वह दुनिया में अद्वितीय है।  हाशिम अलहैदरी ने इस्लामी गणतंत्र ईरान को महान प्रतिरोध का स्तंभ बताया।  उनका कहना था कि अगर ईरान न होता तो प्रतिरोध का वह मोर्चो भी गठित नहीं हो पाता जो पश्चिमी एशिया से उत्तरी अफ़्रीका तक फैला हुआ है। 

प्रतिरोध मोर्चों के महासचिव के अनुसार वर्तमान समय में हिज़बुल्ला, अंसारुल्ला और इराक़ तथा सीरिया के प्रतिरोधी गुट, अमरीका के मुक़ाबले में डटे हुए हैं। 

उन्होंने कहा कि सबको इस बात का विश्वास हो चुका था कि आतंकवादी गुट दाइश, हज़रत ज़ैनब सलामुल्ला के रौज़े पर नियंत्रण स्थापित कर लेंगे किंतु इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता की दूरदर्शिता और शहीद सुलैमानी के प्रयासों ने इसे विफल बना दिया।  याद रहे कि तीन जनवरी को शहीद सुलैमानी की चौथी बरसी मनाई जाएगी।

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