वरिष्ठ नेता ने की देश के इमामे जुमा से मुलाक़ात
आज से ईरान के इमामे जुमा की 26वीं राष्ट्रव्यापी बैठक आरंभ हुई है।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने मंगलवार को पूरे देश के इमामे जुमा से तेहरान में मुलाक़ात की।
इस मुलाक़ात में सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने यह बात बल देकर कही कि लोगों की उपस्थिति के बिना इस्लामी लक्ष्यों तक पहुंच संभव नहीं है। आपने कहा कि जनता का मुद्दा एक इस्लामी सिद्धांत है।
उनका कहना था कि लोगों की उपस्थति के बिना इस्लामी लक्ष्यों को हासिल करना मुमकिन नहीं है।
वरिष्ठ नेता ने कहा है कि ग़ज़्ज़ा की अत्याचार ग्रस्त जनता ने अपने संघर्ष से पूरी दुनिया को प्रभावित किया है।
वरिष्ठ नेता ने कहा है कि ग़ज़्ज़ा की अत्याचार ग्रस्त जनता ने अपने संघर्ष से पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। आज ग़ज़्ज़ा के मामले में ख़ुदा की क़ुदरत साफ दिखाई दे रही है। इस समय दुनिया इन प्रतिरोधकर्ताओं और प्रतिरोध समूह को हीरो के रूप में देख रही है।
उन्होंने कहा कि विश्व वासियों की नज़रों में अत्याचारों के उजागर होने के साथ ही ग़ज़्ज़ा की जनता की जीत का भी उजागर होना, उनके धैर्य का ही परिणाम है। उन्होंने कहा कि इसके मुक़ाबले में वर्तमान समय में दुनिया में कोई भी ज़ायोनियों की जीत का क़ाएल नहीं है। दुनिया के लोगों, राजनेताओं और जानकारों की नज़र में भी अवैध ज़ायोनी शासन एक अत्याचारी, क्रूर, निर्दयी और ख़ून के प्यासे भेड़िये जैसा है।
आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि अपने कड़े प्रतिरोध से ग़ज़्ज़ावासियों ने सच की तलाश में रहने वाले लोगों की नज़रों में इस्लाम का प्रचार किया और पवित्र क़ुरआन को लोकप्रिय कर दिया। उन्होंने कहा कि हम ईश्वर से प्रतिरोधकर्ताओं विशेषकर ग़ज़्ज़ा के लोगों के गौरान्वित रहने की कामना करते हैं।
ग़ज़्ज़ा वासियों के समर्थन में यमनी राष्ट्र और अंसारुल्ला के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यमनियों ने ज़ायोनियों की शैरग पर हमला कर दिया और वे अमरीकी धमकियों से बिल्कुल भी नहीं डरे क्योंकि जो ईश्वर से डरता है वह किसी दूसरों से नहीं डरता। यमनियों का यह काम वास्तव में ईश्वर के मार्ग में संघर्ष करने जैसा है। वरिष्ठ नेता ने इस बात की आशा जताई है कि ईश्वर की इच्छा से संपूर्ण विजय तक यह प्रतिरोध और संघर्ष जारी रहे।
उन्होंने लोगों की उपस्थिति, इच्छा और कार्यवाही को इस्लाम की मूल सिद्धांत बताया। उन्होंने ईरानी राष्ट्र की निष्ठा, धैर्य बुद्धिमानी, और समर्पण की भावना की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह लोग अलग-अलग दिखाई दिये जाने के बावजूद ईश्वर पर भरोसा रखते हैं। इनके दिल ईश्वर के साथ हैं। एसे में वास्तव में उनके महत्व को समझना चाहिए। आपने कहा कि चुनाव में भागीदारी लोगों का अधिकार भी है और उनका दायित्व भी है। यह केवल कोई ड्यूटी मात्र नहीं है बल्कि जनता का अधिकार भी है।
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