इस्राईल को राष्ट्रसंघ से निकाल देना चाहियेः ईरान
(last modified Sun, 11 Feb 2024 11:02:42 GMT )
Feb ११, २०२४ १६:३२ Asia/Kolkata
  • इस्राईल को राष्ट्रसंघ से निकाल देना चाहियेः ईरान

ईरान राष्ट्रपति ने कहा है कि हमारा सुझाव यह है कि जायोनी सरकार को राष्ट्रसंघ से निकाल दिया जाना चाहिये।

राष्ट्रपति सैयद मोहम्मद इब्राहीम रईसी ने कहा कि जिस सरकार ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 400 बयानों, घोषणापत्रों और प्रस्तावों का उल्लंघन किया है वह किस तरह राष्ट्रसंघ के प्रस्तावों के प्रति वचनबद्ध रह सकती है?

राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने आज इस्लामी क्रांति की सफलता की 45वीं वर्षगांठ के शुभअवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में भाषण देते हुए कहा कि इस्लामी क्रांति मुजाहिदों, त्याग व बलिदान देने वालों, शहीदों और ईरानी राष्ट्र के प्रतिरोध का प्रतिफल है। उन्होंने कहा कि ईरानी राष्ट्र ने महान ईश्वर और आत्म विश्वास पर भरोसा किया और सर्वोच्च नेतृत्व का अनुसरण करके इस्लामी क्रांति को प्रभावी और विभूतिपूर्ण बनाया और उसे जारी रखा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि इस्लामी क्रांति के दुश्मनों ने बहुत अधिक कठिनाइयां उत्पन्न की परंतु ईरान के बेदार व जागरुक लोगों ने समय की पहचान के साथ अंतरदृष्टि और जागरुकता से समस्याओं का समाधान कर लिया, हमारे लोगों ने षडयंत्रों, विद्रोहों, अलगाववाद, इराक द्वारा ईरान पर थोपे गये युद्ध, हत्या, असुरक्षा और मुनाफिकों की कार्यवाहियों और प्रतिरोध करके दुश्मन के षडयंत्रों पर पानी फेर दिया।

राष्ट्रपति ने कहा कि इस्लामी व्यवस्था के गठित होने और क्षेत्र में जागरुकता के बाद आज हम देख रहे हैं कि इस्लामी क्रांति के संदेश फैलते जा रहे हैं और इस दिशा में हम किसी रुकावट को स्वीकार नहीं करते हैं।

राष्ट्रपति ने अपने भाषण के एक अन्य भाग में गज्जा की हालिया घटनाओं और जायोनी सरकार के अपराधों की ओर संकेत किया और कहा कि आज फिलिस्तीन का मुद्दा मानवता का पहला मुद्दा बन गया है और सरकारों को जान लेना चाहिये कि जायोनी सरकार के समाप्त होने और उसके अपराधों को रोकने का रास्ता इस सरकार से समस्त आर्थिक और गैर आर्थिक संबंधों को तोड़ लेना है।

राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान आतंकवाद से मुकाबला और मानवाधिकार का ध्वजावाहक है और जो लोग पश्चिम, अमेरिका और जायोनी सरकार को पहचानना चाहते हैं उन्हें चाहिये कि फिलिस्तीनी लोगों पर जो अत्याचार हो रहे हैं और मानवता पर जो अपराध किये जा रहे हैं उन पर वे ध्यान दें। राष्ट्रपति ने सवाल किया कि गज्जा के मज़लूम लोगों पर सारे रास्ते बंद कर दिये गये हैं क्या यह मानवता पर अपराध नहीं है? अमेरिका और कुछ पश्चिमी देश इन अपराधों की वकालत कर रहे हैं। अगर ये लोग ईश्वर, अंतरआत्मा या इतिहास पर आस्था रखते हैं तो किस प्रकार इन अपराधों का जवाब देंगे? MM

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