हेल्थ पर्यटन का हब बनने की राह पर ईरान
सांस्कृतिक समानताएं, इलाज का किफ़ायती ख़र्च और पड़ोस तीन मुख्य कारणों से पिछले साल लाखों की संख्या में दूसरे देशों के नागरिक ईरान और हेल्थ पर्यटन को नई गति मिली।
तेहरान में गुरुवार को पर्यटन व संबद्ध उद्योग की अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी के समापन पर यह घोषणा की गई कि पिछले साल लभग 12 लाख लोग अलग अलग देशों से इलाज के लिए ईरान आए और इसका मुख्य कारण सांस्कृतिक समानताएं और किफ़ायती इलाज था। इस बड़ी संख्या में पड़ोसी देशों और दूसरे देशों से लोगों के ईरान आने के नतीजे में 1 अरब डालर से अधिक विदेशी मुद्रा ईरान में आई।
इराक़, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, ओमान, बहरैन, आर्मीनिया, ताजेकिस्तान, फ़ार्स खाड़ी के तटीय देशों से सबसे अधिक लोग इलाज के लिए ईरान आए। ईरान की सांस्कृतिक विरासत, हस्तकला उद्योग व पर्यटन संस्था की रिपोर्ट से पता चलता है कि ईरान आने वाले पर्यटकों में 20 प्रतिशत वे होते हैं जो इलाज के लिए आते हैं। स्वास्थ्य व चिकित्सा विभाग के अधिकारी इस क्षेत्र में जिस प्रकार प्रयासरत हैं उससे यह आशा बनी है कि आने वाले वर्षों में स्वास्थ्य पर्यटन और भी अधिक गति से आगे बढ़ेगा।
राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने पिछले हफ़्ते अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन संगठन के महासचिव ज़ोराब पोलोलिका शोएली से तेहरान में अपनी मुलाक़ात में कहा कि यह संगठन ईरान की सांस्कृतिक क्षमताओं, आकर्षणों और सभ्यता संबंधी आयामों से जितना अधिक गहराई से अवगत होगा वह उतने ही उचित रूप से दुनिया के दूसरे देशों को इस बारे में अवगत करा सकेगा।
इस मुलाक़ात में ज़ोराब पोलोलिका शोएली ने अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन बैठक की मेज़बानी करने पर ईरान की तारीफ़ की और कहा कि इससे यह पता चलता है कि ईरान पर्यटन को कितना अधिक महत्व देता है। उन्होंने कहा कि पर्यटन और विशेष रूप से स्वास्थ्य पर्यटन के क्षेत्र में ईरान के पास बहुत अधिक क्षमताएं हैं। ईरान ने दुनिया के दर्जनों देशों के लिए वीज़ा हटा कर पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण क़दम उठाया है।
ईरान ने इस्लामी क्रांति के बाद चिकत्सा सहित विज्ञान व तकनीक के अलग अलग क्षेत्रों में इस स्थिति में व्यापक प्रगति की है कि क्रांति से पहले ईरान में डाक्टरों की भारी कमी थी और फ़िलिपीन, इंडोनेशिया, पाकिस्तान और भारत से डाक्टर ईरान आते थे जबकि आज स्थिति यह है कि इन्हीं देशों के हज़ारों छात्र ईरान में मेडिकल साइंस की पढ़ाई कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार ईरान में इस समय दुनिया के 60 देशों के 8 हज़ार से मेडिकल छात्र मेडिकल साइंस की शिक्षा ले रहे हैं।
ईरान में चिकित्सा केन्द्रों को आधुनिकत उपकरणों से लैस किया गया है और बड़ी ज़िम्मेदारी से चिकित्सा सेवाएं दी जा रही हैं जबकि इसपर आने वाला ख़र्च भी दूसरे देशों की तुलना मे काफ़ी कम है। यही वजह है कि इलाज के लिए ईरान आने वालों की संख्या तेज़ी से बढ़ी है।
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