एकपक्षीय प्रतिबंधों के विध्वंसक प्रभाव
विश्व के स्वतंत्र देशों के विरुद्ध पश्चिम के एकपक्षीय प्रतिबंधों की ईरान ने आलोचना की है।
अली बहरैनी कहते हैं कि एकपक्षीय प्रतिबंध, पूरे विश्व में मानवीय संकट के अधिक गहराने का कारण बनते हैं।
संयुक्त राष्ट्रसंघ में इस्लामी गणतंत्र ईरान के स्थाई प्रतिनिधि अली बहरैनी ने कहा कि वर्तमान समय में यह बात पूरी तरह से स्पष्ट हो चुकी है कि यह एकपक्षीय प्रतिबंध ग़ैर क़ानूनी हैं। उन्होंने कहा कि यह बात भी सबके लिए साफ हो चुकी है कि इनसे विश्व में मौजूद मानवीय संकट अधिक गहरे हो जाते हैं।
जनेवा में यूरोपीय संघ के मुख्यालय में बोलते हुए ईरान के प्रतिनिधि का कहना था कि इस बात को नहीं सोचना चाहिए कि थोपे गए प्रतिबंधों में कुछ अपवादों को जोड़ने से इन प्रतिबंधों के अमानवीय होने का आयाम समाप्त हो जाएगा।
प्रतिबंधों के दुष्प्रभावों के बारे में विशेष रिपोर्टर एना दूहान का मानना है कि प्रतिबंधों के प्रभाव की देखरेख करने के लिए एक तंत्र की स्थापना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि सदस्य देशों को इस तंत्र का समर्थन करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि जनेवा में एक बैठक का आयोजन किया गया था जिसका शीर्षक था, "मानवता प्रेमी सहायता भेजने पर पड़ने वाले एकपक्षीय प्रभाव और इस संदर्भ में काम करने वालों के क्रियाकलाप"। इस बैठक में सीरिया, रूस, क्यूबा और वेनेज़ोएला के अतिरिक्त अन्य प्रतिनिधियों ने भी एकपक्षीय प्रतिबंधों के पड़ने वाले दुष्प्रभावों के संबन्ध में चर्चा की।