तबरेज़ के कुछ प्राचीन ऐतिहासिक घर
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तबरेज़ के सात वे घर जिनको ईरान की यात्रा में देखना चाहिए
ईरान की यात्रा के दौरान तबरेज़ के इन ऐतिहासिक घरों को अवश्य देखना चाहिए।
पार्सटुडे-तबरेज़ नगर के पुराने शहर में मौजूद 800 ऐतिहासिक घरों ने इस शहर को ईरान के प्राचीन इतिहास और सभ्यता की खिड़की में परिवर्तित कर दिया है।
तबरेज़ के ऐतिहासिक घर अपनी विविधता के साथ इस ऐतिहासिक नगर की यात्रा को एक यादगार यात्रा बना सकते हैं। यहां पर हम इस नगर के कुछ एतिहासिक घरों की चर्चा करेंगे।
ख़ानए हरीरी
ख़ानए हरीरी क़ाजार काल से संबन्धित है। इस ऐतिहासिक घर का बाहरी हिस्सा, ईरान की शुद्ध कला को प्रतिबिंबित करता है जिसपर बहुत ही सुन्दर डिज़ाइनिंग की गई है। यह पवित्र क़ुरआन में मौजूद हज़र यूसुफ़ और ज़ुलैख़ा की कहानी और ईरान की अन्य पौराणिक गाथाओं से प्रेरित है। इस घर की भीतरी छत भी ईरानी लघुकला का सशक्त उदाहरण है।

तबरेज़ में मशरूता नामक घर
यह इमारत तबरेज़ का एक बहुत ही महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घर है जिसकी महत्वपूर्ण भूमिका, क़ाजार काल में सामाजिक और राजनीतिक संघर्षों में रही है। एक समय में यह घर सत्तार ख़ान, बाक़री ख़ान और इसी प्रकार के महान क्रांतकारियों के एकत्रित होने का स्थल रहा है। मुहम्मद अली शाह क़ाजार द्वारा संसद पर हमला करवाने के बाद "हाज मेहदी कूज़े कनानी" ने अपने घर को तत्कालीन मशरूता आन्दोलन के क्रांतिकारियों के हवाले कर दिया ताकि वे यहां पर एकत्रित होकर बैठकें और अन्य कार्यक्रम आयोजित कर सकें। आज भी वहां पर "मशरूते" आन्दोलन के नेताओं विशेषकर सत्तार ख़ान के हथियार सुरक्षित रखे हुए हैं।

उर्दूबादी नामक ऐतिहासिक घर
तबरेज़ नगर का उर्दूबादी नामक ऐतिहासिक घर एसा घर है जो आपको दूसरे विश्वयुद्ध के अशांत दिनों की याद दिलाता है।
आरंभ में यह 1600 वर्गमीटर का घर था जिसको मूसा बेग नामक डाक्टर ने बनवाया था। उस समय की कच्ची ईंटों और मिट्टी की प्रचलित इमारतों के विपरीत इस घर में ईंटों और पत्थरों का प्रयोग किया गया। इस प्रकार से तबरेज़ का उद्दूबादी नामक घर की बनावट, इस प्रांत के अन्य घरों की तुलना में बिल्कुल अलग है।
कुछ समय के बाद इस घर को इराक़ के काउन्सलेट के रूप में प्रयोग किया गया। दूसरे विश्वयुद्ध तक यह एसे ही रहा। जिस समय रूस की सेना ने तबरेज़ नगर पर चढ़ाई की तो इस घर में मौजूद इराक़ी काउन्सलेट नष्ट हो गया। हालांकि इससे इस घर का अंत नहीं हो सका बल्कि युद्ध के बाद डाक्टर उर्दूबादी ने अपने घर को मानसिक रोगियों के क्लीनिक में बदल दिया जहां से बहुत से लोगों को इस बीमारी से मुक्ति मिली।

हैदरज़ादे ऐतिहासिक घर
हैदरज़ादे नामक घर का इतिहास 130 वर्ष पुराना है। यह घर क़ाजार काल की सबसे सुन्दर वास्तुकलाओं में से एक है। इसके पूरे हाल को विभिन्न रंगों की रंगीन खिड़कियों से सजाया गया है। इस घर में दो प्रथक आंगन, छोटा सा बाग़, हाल और एक हौज़ है। वर्तमान समय में हैदरज़ादे के घर को, एतिहासिक कार्यों की प्रदर्शनी के रूप में प्रयोग किया जाता है।

म्यूज़ियम बना उस्ताद शहरयार का घर
तबरेज़ नगर के विख्यात कवि, शहरयार इसी घर में जीवन गुज़ार करते थे। इस समय यह घर, साहित्य प्रेमियों के प्रिय घरों में से एक है। इस घर में उस्ताद शहरयाद के प्रयोग की कुछ निजी वस्तुओं को देखा जा सकता है जिसमें उनका पलंग, सोफ़ा और बिस्तर भी शामिल है।

परवीन एतेसामी का घर
ईरान की मश्हूर कवित्री परवीन एतेसामी का घर भी तबरेज़ नगर में ही स्थित है। जैस ही घर में घुसते हैं तो सबसे पहले आंगन के बीच में छोटा सा हौज़, ध्यान को अपनी ओर आकृष्ट करता है। पुरानी भवन निर्माण शैली पर आधारित इस पुराने घर की दीवारों पर परवीन एतेसामी के फोटो और सीढ़ियों पर उनके स्टेचू रखे हुए हैं। परवीन एतेसामी का असली नाम रखशंदे था। सात वर्ष की आयु तक वे इस घर में थीं। सन 1941 में टाइफाइड के कारण परवीन एतेसामी की मौत हो गई थी। तबरेज़ की इस कवित्री की कविताओं का संकलन मौजूद है जिसमें उनके 606 मश्हूर शेर भी पाए जाते हैं।

बुलूरचियान घर
बुलूरचियान नामक घर, क़ाजार काल के अंतिम दौर की निशानी है। इममें बनी हुई चित्रकारिता हर देखने वाले को आकर्षित करती है। मख्य इमारत इसके उत्तरी भाग में बनी हुई है। दक्षिण की ओर इसमें खंभों वाला बरामदा है। घर के अंदर का आंगन ही उत्तरी छोर की तरफ है। इसको ईरान के प्राचीन घरों की शैली के आधार पर बनाया गया है।

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