पिज़िश्कियान और मैक्रां की टेलीफ़ोनी वार्ता में क्या बातचीत हुई?
(last modified Tue, 30 Jul 2024 12:47:30 GMT )
Jul ३०, २०२४ १८:१७ Asia/Kolkata
  • पिज़िश्कियान और मैक्रां की टेलीफ़ोनी वार्ता में क्या बातचीत हुई?
    पिज़िश्कियान और मैक्रां की टेलीफ़ोनी वार्ता में क्या बातचीत हुई?

पार्सटुडे- फ्रांस के राष्ट्रपति ने ईरानी राष्ट्रपति से एक घंटे की टेलीफ़ोनी वार्ता में प्रतिबंधों को ख़त्म करने, यूक्रेन जंग, ग़ज़ा और लेबनान के हालिया परिवर्तनों के बारे में वार्ता की।

फ्रांस के राष्ट्रपति Emmanuel Macron ने इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति के रूप में मसऊद पिज़िश्कियान के चयन पर मुबारकबाद दी और कुछ मामलों के बारे में वार्ता की।

 

पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार फ्रांस के राष्ट्रपति Emmanuel Macron ने इस टेलीफ़ोनी वार्ता में उम्मीद जताई कि फ्रांस और ईरान, ईरान और दूसरे यूरोपीय देशों के साथ संबंध नये दौर में पहले से बेहतर होंगे।

 

ईरान के राष्ट्रपति पिज़िश्कियान ने भी इस टेलीफ़ोनी वार्ता में ईरान और फ्रांस के बीच राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को द्विपक्षीय संबंधों में विस्तार के लिए उचित भूमिका बताया और सच्चाई और परस्पर विश्वास के आधार पर फ्रांस के साथ संबंधों को बेहतर बनाने हेतु इस्लामी गणतंत्र ईरान की तत्परता की घोषणा की।

 

मसऊद पिज़िश्कियान ने साथ ही इस बात का भी एलान किया कि जो समझौता हो चुका है उसके परिप्रेक्ष्य में प्रतिबंधों को समाप्त करने के संबंध में ईरान वार्ता जारी रखने के लिए तैयार है। इसी प्रकार ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि समस्त वचनों का दोनों पक्षों द्वारा क्रियान्वयन, दबावों और ईरानी राष्ट्र के ख़िलाफ़ अत्याचारपूर्ण प्रतिबंधों का बंद किया जाना वार्ता को जारी रखने और उसमें प्रगति के लिए ईरान की न्यूनतम मांग है।

 

ईरानी राष्ट्रपति ने इसी प्रकार इस टेलीफ़ोनी वार्ता में कहा कि परमाणु ऊर्जा की अंतरराष्ट्रीय एजेन्सी की 15 से अधिक रिपोर्टों के आधार पर ईरान ने परमाणु समझौते में उल्लेखित अपने समस्त वचनों का पालन किया है परंतु अमेरिका अपने वचनों पर अमल किये बिना इस समझौते से एक पक्षीयतौर पर निकल गया और उसने ईरानी राष्ट्र के ख़िलाफ़ अधिक से अधिक अत्याचारपूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

 

राष्ट्रपति पिज़िश्कियान ने अपने वक्तव्य के एक अन्य भाग में ज़ायोनी सरकार के साथ लेबनान की दक्षिणी सीमा पर तनावों में वृद्धि पर गहरी चिंता जताई और लेबनान पर हर प्रकार के अतिक्रमण के परिणामों के प्रति चेतावनी दी और कहा कि अगर ज़ायोनी सरकार ने लेबनान पर हमला किया तो वह बहुत बड़ी ग़लती करेगी और उसे इसकी भारी क़ीमत चुकानी होगी।

 

ईरान के राष्ट्रपति ने ग़ज़ा पट्टी में ज़ायोनी सरकार द्वारा किये जा रहे नस्ली सफ़ाये, महिलाओं और बच्चों की हत्या किये जाने, अस्पतालों और राहतकर्मियों पर हमले किये जाने की ओर संकेत किया और कहा कि ज़ायोनी सरकार ने 74 साल से अधिक समय से फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ किसी प्रकार के अपराध में संकोच से काम नहीं लिया है और उसने समस्त अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का उल्लंघन किया है।

 

ईरानी राष्ट्रपति मसऊद पिज़िश्कियान ने अंत में कहा कि ग़ज़ा संकट को समाप्त कराने और इसी प्रकार क्षेत्र में शांति व सुरक्षा स्थापित कराने में ईरान किसी प्रकार के प्रयास में संकोच से काम नहीं लेगा और राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि ग़ज़ा संकट के संबंध में दूसरे देश भी अपनी ज़िम्मेदारियों व दायित्व का निर्वाह करेंगे। MM

 

कीवर्ड्सः मसऊद पिज़िश्किया कौन हैं? ईरान और फ्रांस, लेबनान, ग़ज़ा जंग, परमाणु समझौता, इस्राईल के अपराध, इमैनुएल मैक्रां

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