Aug १५, २०२४ १५:४१ Asia/Kolkata
  • ईरान क्वांटम टेक्नोलॉजी उत्पादन में मुस्लिम देशों में पहले स्थान पर है
    ईरान क्वांटम टेक्नोलॉजी उत्पादन में मुस्लिम देशों में पहले स्थान पर है

पार्सटुडे- वेब ऑफ साइंस (Web of Science) डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार, क्वांटम टेक्नोलॉजी के सभी क्षेत्रों में इस्लामी गणतंत्रर ईरान के वैज्ञानिक उत्पादन ने मुस्लिम देशों में पहला स्थान हासिल कर लिया है।

क्वांटम टेक्नोलॉजी या क्वांटम तकनीक इस वक़्त दुनिया भर में एक गर्मा गरम विषय है। क्वांटम टेक्नोलॉजी क्वांटम सिद्धांत पर काम करता है जो परमाणु और उप-परमाणु स्तर पर ऊर्जा और पदार्थ की प्रकृति के बारे में जानकारी प्रदान करता है। ये टेक्नोलॉजी आने वाले समय में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। क्वांटम टेक्नोलॉजी की मदद से डेटा और इंफॉर्मेशन को बहुत कम समय में प्रोसेस किया जा सकता है।

20वीं सदी में पहली क्वांटम क्रांति ने ट्रांजिस्टर जैसे उपकरणों का निर्माण किया और कंप्यूटर बनाने और फिर इंटरनेट की दुनिया में दाख़िल होने जैसी उन्नत कंप्यूटिंग मशीनों की तकनीक में एक महान परिवर्तन पैदा किया।

क्वांटम मिशन को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग अन्य विभागों के साथ मिलकर लागू करेगा। मिशन का उद्देश्य इंटरमीडिएट स्तर के क्वांटम कंप्यूटर का विकास करना है। साथ ही, सुरक्षित संचार की व्यवस्था बनाना है। अब ये मिशन क्वांटम टेक्नोलॉजी आधारित आर्थिक विकास और भारत को इस क्षेत्र में अग्रणी राष्ट्र बनाने में सहयोग करेगा।

पिछले वर्षों में अमेरिका के प्रतिबंधों के बावजूद ईरान ने इस विज्ञान में कई उपलब्धियां हासिल की हैं।

पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामिक वर्ल्ड साइंस एंड टेक्नोलॉजी साइटेशन एंड मॉनिटरिंग इंस्टीट्यूट (आईएससी) के प्रमुख सैयद अहमद फ़ाज़िल ज़ादेह ने कहा: ईरान दुनिया में आठवें स्थान पर है और क्वांटम टेक्नोलॉजी के सभी क्षेत्रों में मुस्लिम दुनिया के देशों में पहले स्थान पर है।

इस से पहले तक दुनिया में सिर्फ़ सात देशों के पास ही इससे जुड़ी तकनीक थी। हालांकि इन देशों का क्वांटम तकनीक अनुसंधान एवं विकास चरण में है। किसी ने भी क्वांटम तकनीक पर कोई अनुप्रयोग नहीं किया है, जबकि ईरान अब इस तकनीक का उपयोग कर उन देशों में शामिल हो गया है जिनके पास इससे जुड़ी तकनीक है। अमेरिका, ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, फ्रांस, कनाडा, चीन भारत और ईरान क्वांटम मिशन वाले देश बन गये हैं।

श्री फ़ाज़िल ज़ादेह ने कहा: इस्लामी गणतंत्र ईरान के 20-वर्षीय योजना और विजन के आधार पर, यह उम्मीद की गई थी कि ईरान, क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, नालेज बेस्ड प्रबंधन, सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर क्षमताओं के लाभ उठाने में भी प्रभावी रहेगा। ज्ञान और नई प्रौद्योगिकियों के विस्तार और विकास के क्षेत्र में सरकारी और ग़ैर-सरकारी प्रतिभागियों की भागीदारी से क्वांटम प्रौद्योगिकी के प्रयोग में इलाक़े में शीर्ष स्थान पर रहेगा।

बता दें कि क्वांटम प्रौद्योगिकी का एक उभरता हुआ क्षेत्र है, जिसमें हमारे जीने और काम करने के तरीके में क्रांति लाने की क्षमता है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जो कंप्यूटिंग, संचार, क्रिप्टोग्राफी और अन्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों में क्वांटम यांत्रिकी के अध्ययन और अनुप्रयोग से संबंधित है। आने वाले समय में ये तकनीक कंप्यूटिंग, संचार, साइबर सुरक्षा में व्यापक अनुप्रयोगों के साथ नए मोर्चे खोलेगी। क्वांटम प्रौद्योगिकी में जलवायु परिवर्तन से लेकर चिकित्सा अनुसंधान तक दुनिया की कुछ सबसे जटिल समस्याओं को हल करने की क्षमता है। क्वांटम तकनीक से चुटकियों में बड़े डेटाबेस को खोजना आसान हो जाएगा।

इस्लामिक वर्ल्ड साइंस एंड टेक्नोलॉजी साइटेशन एंड मॉनिटरिंग इंस्टीट्यूट के प्रमुख ने कहा कि वैश्विक क्षेत्र में क्वांटम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तेज़ और भारी प्रतिस्पर्धा चल रही है और चीन ने 15 अरब डॉलर ने निवेश का इरादा किया है जबकि यूरोपीय संघ ने 7 अरब डॉलर और अमेरिका 2 बिलियन डॉलर का निवेश किया है।

 

कीवर्ड्ज़: क्वांटम साइंस, ईरान की वैज्ञानिक प्रगति, ईरान के ख़िलाफ़ अमेरिकी प्रतिबंधों का प्रभाव, ईरान की वैज्ञानिक उपलब्धियां। (AK)

 

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