इस्राईल के तीन अस्ली सैन्य ठिकानों को लक्ष्य बनाया गयाः मेजर जनरल बाक़ेरी
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इस्राईल के तीन अस्ली सैन्य ठिकानों को लक्ष्य बनाया गयाः मेजर जनरल बाक़ेरी
ईरान की सशस्त्र सेना के चीफ़ ऑफ़ द स्टॉफ़ मेजर जनरल बाक़ेरी ने कहा कि मुख्यरूप से अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन में इस्राईल के तीन अस्ली सैन्य ठिकानों को लक्ष्य बनाया गया।
मेजर जनरल मोहम्मद बाक़ेरी ने सिपाहे पासदारान के मिसाइल हमले का व्योरा देते हुए कहा कि आज रात को सिपाहे पासदान ने अपने साहसी व दिलेराना हमले से ज़ायोनी सरकार के बहुत से अपराधों का बदला ले लिया।
उन्होंने कहा कि पिछला दो महीना ईरानी राष्ट्र और प्रतिरोध के मोर्चे के लिए बहुत सख़्त था, जब से तेहरान में इस्माईल हनिया को शहीद किया गया था तब से अमेरिकी और यूरोपीय बारमबार हमसे संयंम से काम लेने की मांग करते और कहते थे ताकि हम ग़ज़ा में युद्ध विराम कर सकें, हमने बहुत संयंम से काम लिया परंतु ज़ायोनी सरकार ने अमेरिका के समर्थन यहां तक कि उसकी हरी झंडी मिलने से अपने अपराधों में वृद्धि कर दी और लेबनानी जनता के ख़िलाफ़ विशेषकर प्रतिरोध के बड़े व महान नेता सैय्यद हसन नस्रुल्लाह और इसी प्रकार लेबनान में सिपाहे पासदारान के सैन्य परामर्शदाता नीलफ़ुरूशान को शहीद कर दिया जो बहुत बड़ा अपराध था और बर्दाश्त के बाहर था।
ईरान की सशस्त्र सेना के चीफ़ ऑफ़ द स्टॉफ़ मेजर जनरल बाक़ेरी ने बल देकर कहा कि सिपाहे पासदारान ने अपने मिसाइल हमले से ज़ायोनी सरकार के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।
उन्होंने कहा कि ज़ायोनी सरकार के अपराधों के बावजूद इस्लामी गणतंत्र ईरान ने आवश्यक मापदंडों को ध्यान में रखा और उसने केवल ज़ायोनी सरकार के सैन्य ठिकानों को लक्ष्य बनाया और ज़ायोनी सरकार के तीन हवाई सैनिक ठिकानों, हत्या के मुख्यालय के रूप में मोसाद की गतिविधियों के केन्द्र, इस्राईल की हवाई छावनी नवातिम और युद्धक विमानों F35 के केन्द्र ख़त्सारिम को लक्ष्य बनाया गया कि यह वह हवाई छावनी है जिसका प्रयोग सैय्यद हसन नस्रुल्लाह को शहीद करने के लिए किया गया।
मेजर जनरल मोहम्मद बाक़ेरी ने कहा कि इसी प्रकार सिपाहे पासदारान के प्रक्षेपास्त्रिक हमले में ज़ायोनी सरकार के स्ट्रैटेजिक राडारों, टैंकों को रखने की जगहों और इसी प्रकार उन बक्तरबंद वाहनों को लक्ष्य बनाया गया जिन पर ग़ज़ा के लोगों की हत्या करने व मारने की ज़िम्मेदारी थी।
उन्होंने कहा कि सिपाहे पासदारान के इस हमले में ज़ायोनी सरकार के आर्थिक व औद्योगिक केन्द्रों को निशाना नहीं बनाया गया जबकि यह काम पूरी तरह संभव था। उन्होंने कहा कि सिपाहे पासदारान और इस्लामी गणतंत्र ईरान की सशस्त्र सेना इस प्रकार की कार्यवाही व हमले को कई बार अंजाम देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और अगर पागल हो चुकी ज़ायोनी सरकार को अमेरिका और यूरोप कंट्रोल नहीं करते हैं और वह अपने अपराधों को जारी रखना चाहती है या ईरान की संप्रभुता के ख़िलाफ़ कुछ करना चाहती है तो आज रात की कार्यवाही कई बराबर अधिक शक्ति के साथ दोबारा अंजाम दी जायेगी और उसके समस्त आधारभूत ठिकानों व प्रतिष्ठानों को लक्ष्य बनाया जायेगा।
मेजर जनरल मोहम्मद बाक़ेरी ने अपने बयान के अंत में आशा जताई कि अमेरिका अपनी अतीत की हरकतों से बाज़ आ जायेगा और ज़ायोनी सरकार को रोकेगा ताकि क्षेत्र में शांति व सुरक्षा स्थापित हो सके।
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