थाईलैंड में सैय्यद हसन नस्रुल्लाह का विशेष "शहादत नामा" प्रकाशित
पार्सटुडे- थाईलैंड में ईरान के सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से सैय्यद हसन नस्रुल्लाह की शहादत के चालिसवें दिन डिज़िटल "शहादत नामा" प्रकाशित किया गया।
"शहादत नामा" के लेखक ने लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के पूर्व शहीद महासचिव सैय्यद हसन नस्रुल्लाह के मुक़ाबले की शैलियों पर प्रकाश डाला है।
सहाब चैनल ने संस्कृति और इस्लामी जनसंपर्क विभाग के हवाले से बताया है कि "शहादत नामा" के लेखक ने सैय्यद हसन नस्रुल्लाह की जीवनी को बयान किया और वह इस महान नेता के संबंध में एक व्यापक दृष्टिकोण पेश करने का प्रयास करता है।
इस विशेष "शहादत नामे" में आया है कि सैय्यद हसन नस्रुल्लाह की एक स्पष्ट विशेषता दुश्मनों के मुक़ाबले में उनका साहस व बहादुरी और परिणाम की परवाह किये बिना वास्तविकता व सच्चाई को बयान करने की ताक़त है और बहुत से अवसरों पर दुश्मनों की धमकियों के मुक़ाबले में वह अकेले डट गये और अपनी जोशली तक़रीरों व भाषणों से दिलों को जीत लिया।
इस "विशेष शहादत" नामे के लेखक ने इसी तरह इस बात की समीक्षा की कि सैय्यद हसन नस्रुल्लाह की शहादत से इस्लामी प्रतिरोध और क्षेत्र के परिवर्तनों पर क्या प्रभाव पड़ा। लेखक ने ज़ायोनी सरकार के अतिग्रहण के मुक़ाबले में सैय्यद हसन नस्रुल्लाह की शहादत को इस्लामी प्रतिरोध के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया।
अंत में इस विशेष "शहादत नामे" में वर्तमान समय के इतिहास में सैय्यद हसन नस्रुल्लाह की प्रभावी भूमिका की ओर संकेत किया गया है। इसी तरह इस शहादत नामे में यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि शहीद हसन नस्रुल्लाह ने किस तरह पूरी दुनिया के प्रतिरोध आंदोलन व संगठनों पर गहरा प्रभाव डाला है। MM
कीवर्ड्सः सैय्यद हसन नस्रुल्लाह, थाईलैंड में ईरान का कल्चरल हाउस, जंगे इस्राईल व लेबनान, शहीद हसन नस्रुल्लाह की शहादत के चेहलुम के अवसर पर डिज़िटल विशेष शहादत नामा