पश्चिम ने यूक्रेन को अपने हितों की भेंट चढ़ा दीः डा᳴. अली अकबर विलायती
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पार्सटुडे- अंतरराष्ट्रीय मामलों में ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता के सलाहकार ने यूक्रेन में होने वाले नये परिवर्तनों के संबंध में कहा कि पश्चिम ने यूरोप के सबसे बड़े देश यूक्रेन को अपने राजनीतिक हितों की भेंट चढ़ा दी।
(last modified 2024-12-15T08:20:21+00:00 )
Nov २४, २०२४ १७:३९ Asia/Kolkata
  • पश्चिम ने यूक्रेन को अपने हितों की भेंट चढ़ा दीः डा᳴. अली अकबर विलायती
    पश्चिम ने यूक्रेन को अपने हितों की भेंट चढ़ा दीः डा᳴. अली अकबर विलायती

पार्सटुडे- अंतरराष्ट्रीय मामलों में ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता के सलाहकार ने यूक्रेन में होने वाले नये परिवर्तनों के संबंध में कहा कि पश्चिम ने यूरोप के सबसे बड़े देश यूक्रेन को अपने राजनीतिक हितों की भेंट चढ़ा दी।

अंतरराष्ट्रीय मामलों में ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता के सलाहकार अली अकबर विलायती ने एक वार्ता में कहा कि यूक्रेन और रूस के संबंध में कहना चाहिये कि पश्चिम की आदत यह है कि जहां तक संभव होता है वे अपने प्रतिस्पर्धियों से सीधा टकराने से बचते हैं अतः वे कुछ लोगों को अपने प्रतिस्पर्धियों से टकराने के लिए उकसाते हैं ताकि उन्हें कोई गम्भीर क्षति व नुकसान न पहुंचे।

 

पार्सटुडे ने समाचार एजेन्सी इर्ना के हवाले से रिपोर्ट दी है कि अली अकबर विलायती ने कहा कि पश्चिम सत्ता के भूखे व लालची ऐसे व्यक्ति को सरकार में लाते हैं जिसे अंतरराष्ट्रीय स्थिति की कोई पहचान नहीं होती है जैसाकि उन्होंने यूक्रेन में किया और उसे रूस के विरुद्ध उकसाया। उन्होंने कहा कि ज़ेलेंस्की ज़िम्मेदारी के एहसास के बिना एक देश पर शासन कर रहे हैं और पश्चिम ने यूरोप के सबसे बड़े देश यूक्रेन को अपने राजनीतिक हितों की बलि चढ़ा दी।

 

अली अकबर विलायती ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंच महत्वपूर्ण परिवर्तन के मुहाने पर है। उन्होंने कहा कि इस बात के दृष्टिगत कि यूक्रेन की सहायता कम हो गयी है और अमेरिका में नई सरकार सत्ता में आने वाली है, प्रतीत यह रहा है कि यूक्रेन जंग में हार जायेगी।

 

अंतरराष्ट्रीय मामलों में ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता के सलाहकार ने कहा कि पश्चिम एशिया में फ़िलिस्तीन की मज़लूम जनता और क्षेत्र के लोगों के ख़िलाफ़ ज़ायोनी सरकार ने युद्ध की आग भड़का रखी है और अपने समर्थकों की भविष्यवाणी के विपरीत वह कमज़ोर हो गयी है और देर-सवेर इस रक्त पिपासु यानी नेतनयाहू की राजनीतिक उम्र समाप्त हो जायेगी और शक्ति खत्म हो जायेगी और प्रतिरोध मोर्चे की विजय होगी। MM

 

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