आईआरजीसी का नया अंडर ग्राउंड  मिसाइल सिटी का अनावरण + पेश है ब्योरा
(last modified Thu, 27 Mar 2025 09:09:48 GMT )
Mar २७, २०२५ १४:३९ Asia/Kolkata
  • आईआरजीसी का नया अंडर ग्राउंड  मिसाइल सिटी का अनावरण + पेश है ब्योरा
    आईआरजीसी का नया अंडर ग्राउंड  मिसाइल सिटी का अनावरण + पेश है ब्योरा

पार्सटुडे - इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के एयरोस्पेस फोर्स ने दर्जनों किलोमीटर लंबी भूमिगत सुरंगों के साथ अपने नए मिसाइल सिटी का अनावरण किया है।

पार्सटुडे के अनुसार, मंगलवार को इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स एयरोस्पेस फोर्स ने अपने सैकड़ों मिसाइल शहरों में से एक में बड़ी संख्या में बैलिस्टिक मिसाइलों "ख़ैबर शिकन", "हाज क़ासिम", "एमाद", "सिज्जील", "क़द्र एच" और "क्रूज़ पावेह" का अनावरण किया।

इस अनावरण के मौक़े पर ईरान के चीफ़ आफ़ आर्मी स्टाफ मेजर जनरल मोहम्मद बाक़िरी और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के एयरोस्पेस फोर्सेज के कमांडर जनरल अमीर अली हाजी ज़ादेह मौजूद थे।

ईरान के चीफ़ आफ़ आर्मी स्टाफ मेजर जनरल मोहम्मद बाक़िरी और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के एयरोस्पेस फोर्सेज के कमांडर जनरल अमीर अली हाजी ज़ादेह की एक तस्वीर

 

इस अंडर ग्राउंड मिसाइल सिटी की अपनी यात्रा के दौरान, मेजर जनरल बाक़िरी ने ईरानी सशस्त्र बलों की क्षमताओं के महत्व पर जोर देते हुए कहा: ईरानी सशस्त्र बल गंभीरता से प्रगति, पदोन्नति और सशक्तिकरण के अपने मार्ग को जारी रख रहा है।

उन्होंने कहा, ट्रू प्रामिस-1 और 2 के सफल ऑप्रेशन के बाद, हमें पता है कि दुश्मन को कहां नुकसान हुआ है और हम उन क्षेत्रों को और अधिक मजबूत करेंगे, हमारे फौलादी हाथ बहुत मज़बूत हैं।

मेजर जनरल बाक़िरी ने आगे कहा: हमारी मिसाइल शक्ति की वृद्धि की गति दुश्मन द्वारा कमज़ोरियों को ठीक करने की गति से कहीं अधिक है, और दुश्मन निश्चित रूप से पिछड़ जाएगा।

इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स एयरोस्पेस फोर्स (आईआरजीसी) के नए मिसाइल सिटी की एक तस्वीर

 

मीसाइल और फ़्लोटिंग सिटी विभिन्न आयामों में महत्वपूर्ण और सक्षम हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण हैं:

1- सामरिक सुरक्षा: ये अड्डे भूमिगत होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से बहुत मज़बूत हैं और इन्हें दुश्मन के हवाई और मिसाइल हमलों से बचाया जा सकता है।

2- गुप्त ऑपरेशन: यह सैन्य बलों को गुप्त और आश्चर्यजनक ऑपरेशन की क्षमता प्रदान करता है। यह गंभीर परिस्थितियों और एसमैट्रिक वॉर फ़ेयर में बहुत प्रभावी हो सकता है।

3- नौसैनिक अभियानों के लिए समर्थन: ईरान की भौगोलिक स्थिति और समुद्री खतरों को ध्यान में रखते हुए, ऐसे अड्डों के अस्तित्व से नौसैनिक और निगरानी आप्रेशन्ज़ के कार्यान्वयन में मदद मिल सकती है।

4- उन्नत उपकरण तैनात करने की क्षमता: इन अड्डों पर सैन्य उपकरण, ड्रोन, मिसाइल और छोटे जहाज तैनात करना संभव है।

5- लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर: इन ठिकानों में सैन्य बलों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए रसद सुविधाएं शामिल हो सकती हैं, जिनमें हथियार डिपो, मरम्मत की दुकानें और नियंत्रण केंद्र शामिल हैं।

6- क्राइसिस मैनेजमेंट: संकट प्रबंधन क्षमता और विभिन्न खतरों पर त्वरित प्रतिक्रिया प्रदान करता है। (AK)

 

कीवर्ड्ज़: ईरान, सिपाह, आईआरजीसी,अमरीका

 

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