"क्या ईरान में ईसाई धर्म क़ानूनी है?
(last modified Sun, 18 May 2025 10:50:17 GMT )
May १८, २०२५ १६:२० Asia/Kolkata
  • ईरान में ईसाई शहीदों में से एक के परिवार से इमाम ख़ामेनेई की मुलाक़ात की एक तस्वीर
    ईरान में ईसाई शहीदों में से एक के परिवार से इमाम ख़ामेनेई की मुलाक़ात की एक तस्वीर

पार्स टुडे – इस प्रश्न का उत्तर ईरान के ईसाई समुदायों के दैनिक जीवन में खोजा जा सकता है, जहाँ ऐतिहासिक गिरजाघर मस्जिदों के साथ-साथ स्थित हैं और वे ईरान में ईश्वरीय धर्मों के मानने वालों के मध्य शांतिपूर्ण जीवन के प्रतीक हैं।

पार्स टुडे की रिपोर्ट के अनुसार कुछ विदेशी मीडिया संस्थानों की धारणा के विपरीत, ईरान के ईसाइयों को न केवल समान अधिकारों वाले नागरिक के रूप में मान्यता प्राप्त है, बल्कि वे देश की राजनीतिक संरचना व व्यवस्था में भी सक्रिय भूमिका निभाते हैं।

 

 

ईरान में ईसाई समुदाय की जनसंख्या

ईरान के ईसाई अन्य ईश्वरीय धर्मों के अनुयायियों के साथ शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे हैं और इस देश की एक महत्वपूर्ण जनसंख्या का हिस्सा हैं। ताज़ा आँकड़ों के अनुसार ईरान में 20 आधिकारिक चर्च मौजूद हैं जिनमें से कुछ जैसे कि "क़राह चर्च" और "सेंट स्टीफानस" विश्व भर में ईसाई धार्मिक इमारतों के अद्वितीय नमूनों के रूप में माने जाते हैं और वास्तुकला की दृष्टि से आदर्श माने जाते हैं।

 

संसदीय प्रतिनिधित्व और समान अधिकार

ईरानी इस्लामी गणराज्य के संविधान के अनुसार ईश्वरीय धर्मों के अनुयायी, जिनमें ईसाई और यहूदी शामिल हैं, मुसलमानों की तरह समान अधिकार रखते हैं। वे न केवल सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप से सक्रिय हैं बल्कि ईरानी संसद मजलिसे शुराये इस्लामी में भी उनके लिए विशेष प्रतिनिधि नियुक्त हैं।

 

"शारली अनविया तेकिया" जो ईरानी संसद में आशूरी और काल्डियन ईसाइयों के प्रतिनिधि हैं, ने हाल ही में यह कहा: ईरान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की उपस्थिति राष्ट्रीय एकता और समरसता का प्रतीक है। उनके अनुसार ईरान में सभी नागरिकों को समान सुविधाएँ और अधिकार प्राप्त हैं और कुछ मामलों में धार्मिक अल्पसंख्यकों की आवश्यकताओं के अनुसार सकारात्मक भेदभाव भी किया जाता है।

 

धार्मिक शांतिपूर्ण ज़िन्दगी चर्च से लेकर युद्ध के मोर्चों तक

ईरान के ईसाई हमेशा देश के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय क्षणों में सक्रिय और प्रभावशाली भूमिका निभाते रहे हैं।

इराक़ी बाथ पार्टी द्वारा ईरान पर थोपे गए युद्ध के दौरान, दर्जनों ईसाई नागरिकों ने आक्रमण का मुकाबला करते हुए शहादत प्राप्त की और उनका नाम "एकता के शहीदों" की सूची में दर्ज है। यह भागीदारी उनके देशभक्ति और मातृभूमि के प्रति निष्ठा का प्रमाण है।

 

इमाम ख़ामेनेई द्वारा ईसाइयों के बलिदान की सराहना

इस्लामी गणराज्य ईरान द्वारा ईसाई समुदाय को दी जा रही मान्यता का एक प्रमुख प्रतीक

 

इस्लामी क्रांति के नेता इमाम सैयद अली ख़ामेनेई ने आर्मीनियाई और आशूरी शहीदों के परिवारों से बार-बार मुलाक़ातें की हैं।

अपनी यादों में उन्होंने इन मुलाक़ातों का गहरा प्रभाव इस प्रकार साझा किया है

"मैं अक्सर आर्मेनियाई और आशूरी शहीदों के घर गया हूँ और इस साल भी सौभाग्यवश, कुछ शहीद आर्मेनियाई परिवारों से मिलने गया।

मैंने देखा कि वे अपने देश के प्रति गहरी प्रतिबद्धता रखते हैं वास्तव में उन्होंने पूरी निष्ठा से व्यवहार किया।

मुझे याद है युद्ध के समय, कुछ आर्मेनियाई ईसाई अहवाज़ आए थे। मैंने हवाई अड्डे पर देखा कि एक समूह बैठा है पूछा कि ये कौन हैं?

कहा गया: ये आर्मेनियाई हैं जो युद्ध के मोर्चों पर तकनीकी और औद्योगिक कार्यों के लिए आए हैं।

अर्मेनियाई लोग मशीनों, औद्योगिक और तकनीकी कार्यों में कुशल होते हैं — और ये मदद और सेवा करने आए थे।

शहीद चमरान ने इन्हें कार्य में लगाया है। इन्होंने काफ़ी मेहनत की, सेवा की, काम किया और कुछ ने शहादत भी प्राप्त की। (6 बहमन 1392 / 26 जनवरी 2014)

 

 

धार्मिक स्वतंत्रता पर धार्मिक नेताओं की गवाही

आज़रबाइजान क्षेत्र के आर्मेनियाई खलीफ़ा ने हाल ही में ईरान में ईसाईयों के जीवन के बारे में कहा: हम ईश्वर के आभारी हैं कि हम इस्लामी गणराज्य ईरान में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। एक ऐसा स्थान जहाँ ईसाई और मुसलमान भाईयों की तरह रहते हैं।

 

आर्कबिशप ग्रिगोर चीफ़तचियन ने ईरान की स्थिति की तुलना क्षेत्र के अन्य देशों से करते हुए कहा कि बहुत से मुस्लिम देशों में चर्चों पर क्रॉस लगाना भी प्रतिबंधित है लेकिन हमें ईरान में इस तरह की किसी भी पाबंदी का सामना नहीं है।

 

एक अशांत क्षेत्र में सहिष्णुता का उदाहरण

जहाँ मध्य पूर्व के कुछ देश धार्मिक तनावों से जूझ रहे हैं, वहीं ईरान, एक मुस्लिम बहुल देश होने के बावजूद, धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित वातावरण प्रदान करता है।

 

ईसाई समुदाय की वैज्ञानिक, कलात्मक और राजनीतिक क्षेत्रों में सक्रिय भागीदारी जैसे डॉक्टर, इंजीनियर और कलाकार और ईस्टर व क्रिसमस जैसी धार्मिक रस्मों व परम्पराओं का खुले तौर पर मनाया जाना, ईरानी समाज में उनके वास्तविक और सम्मानजनक स्थान को दर्शाता है।

 

ईसाई धर्म न केवल ईरान में वैध और मान्य है बल्कि इसके अनुयाइयों को इस्लामी गणराज्य के कानूनों की छत्रछाया में सम्मान, सुरक्षा और समान अवसर व अधिकार प्राप्त हैं। MM