ईरान के उपराष्ट्रपति ने ताजिकिस्तान को प्रस्ताव दिया है कि वे एक संयुक्त समूह बनाएं जो फ़ार्सी संस्कृति और सभ्यता को बढ़ावा दे
(last modified Sat, 31 May 2025 12:34:09 GMT )
May ३१, २०२५ १८:०४ Asia/Kolkata
  • ईरान के उपराष्ट्रपति मोहम्मद रजा आरिफ़ ईरान और ताजिकिस्तान की उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडलों की संयुक्त बैठक में
    ईरान के उपराष्ट्रपति मोहम्मद रजा आरिफ़ ईरान और ताजिकिस्तान की उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडलों की संयुक्त बैठक में

पार्स टुडे – इस्लामी गणराज्य ईरान के उपराष्ट्रपति ने ईरान और ताजिकिस्तान के गहरे सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भाषाई संबंधों के महत्व पर बल देते हुए सुझाव दिया कि दोनों देशों के सांस्कृतिक संस्थानों और शैक्षणिक संगठनों के विद्वानों की उपस्थिति में एक उच्च स्तरीय संयुक्त समूह बनाया जाए जो फारसी भाषा, साहित्य, संस्कृति और सभ्यता से संबंधित हो।

पार्स टुडे की रिपोर्ट के अनुसार इस्लामी गणराज्य ईरान के उपराष्ट्रपति मोहम्मद रज़ा आरिफ़ ने गुरुवार को दोशांबे शहर में ईरान और ताजिकिस्तान के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडलों की संयुक्त बैठक में गहरे सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भाषाई संबंधों के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा: "फारसी भाषा, साहित्य, संस्कृति और सभ्यता से संबंधित एक उच्च स्तरीय संयुक्त समिति बनाई जाए, जिसमें दोनों देशों के सांस्कृतिक संस्थानों और शैक्षणिक संगठनों के विद्वान शामिल हों, ताकि पहचान मिटाने की प्रक्रिया के खिलाफ लड़ते हुए ईरान और ताजिकिस्तान के लोगों तथा विश्वभर के फारसी संस्कृति के प्रेमियों की क्षमताओं को व्यवस्थित और सशक्त बनाया जा सके।"

 

ईरान के उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि ताजिकिस्तान ईरान के लिए एक दूसरा घर जैसा है। उन्होंने बताया कि इस्लामी गणराज्य ईरान और ताजिकिस्तान के बीच संबंधों की एक बड़ी विशेषता यह है कि दोनों एक ही सभ्यतात्मक क्षेत्र में स्थित हैं, जिससे पिछले तीन दशकों से दोनों देशों के बीच संबंधों के विकास और सुविधा में मदद मिली है।

 

आरिफ़ ने ताजिकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों के ईरान के प्रति राजनयिक दौरों का उल्लेख करते हुए कहा: कि हाल ही में, जब ईरान के राष्ट्रपति मसूद पिज़िश्कियान ताजिकिस्तान गए थे, तब दोनों देशों के आर्थिक सक्रिय लोगों के बीच एक व्यापारिक बैठक हुई, जिसमें १३ सहयोग दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर हुए, जिनका कुल मूल्य 450 मिलियन डॉलर से अधिक है।

 

इस्लामी गणराज्य ईरान के उपराष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच वीज़ा-मुक्ति के निर्णय के कार्यान्वयन का भी उल्लेख किया और कहा कि इस निर्णय के बाद दोनों देशों के बीच पर्यटन यात्राओं की संख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।

 

ताजिकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस बैठक में ईरान की उन कोशिशों की सराहना की जो दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के दौरे के दौरान हुए समझौतों और सहमति पत्रों को लागू करने के लिए की गई हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ताजिकिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत करने में ईरान की दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प दोनों देशों के बीच भाईचारे, आत्मीयता और मित्रता का प्रतीक है, क्योंकि दोनों देशों की भाषाएँ एक जैसी हैं और उनकी साझा ऐतिहासिक विरासत है।

 

क़ाहिर रसूलज़ादे ने दोनों देशों के सहयोग के लिए संयुक्त आयोग की बैठक और ईरान और ताजिकिस्तान के बीच 13 सहयोग दस्तावेज़ों पर 450 मिलियन डॉलर से अधिक के समझौतों का उल्लेख करते हुए कहा:

"हम विभिन्न क्षेत्रों में इस्लामी गणराज्य ईरान के अनुभवों का लाभ उठाने के इच्छुक हैं और इस दिशा में वीज़ा-मुक्ति निजी क्षेत्र के सहयोग को मजबूत करने और पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण सहायता कर सकती है।"

 

ताजिकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा: "ईरान और ताजिकिस्तान के लोगों को सांस्कृतिक, भाषाई और ऐतिहासिक साझा मूल्यों ने एक-दूसरे को जोड़ा है, जो दोनों देशों के संबंधों के विकास और प्रगति का एक महत्वपूर्ण आधार हो सकता है। mm