ईरान के खुज़िस्तान प्रांत की यात्रा पर जाना क्यों ज़रूरी है?
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प्राचीन शूष स्थल
पार्स टुडे - ईरान के दक्षिण-पश्चिम में स्थित खुज़िस्तान प्रांत, जिसका प्राचीन इतिहास, समृद्ध संस्कृति और प्राचीन स्थल, पर्यटकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य है।
ईरान का खुज़िस्तान प्रांत दक्षिण में फ़ार्स की खाड़ी, पश्चिम में इराक़, उत्तर में लुरिस्तान और ईलाम प्रांतों और पूर्व में चारमहाल-बाख्तियारी और कूहकीलूये बूयेर अहमद प्रांतों से घिरा हुआ है। इस प्रांत का केंद्र अहवाज़ शहर है। इस लेख में पार्स टुडे ने ईरान के खुज़िस्तान प्रांत के पर्यटन स्थलों और वहाँ यात्रा करने के कारणों पर एक नज़र डाली है।
इतिहास
खुज़िस्तान, ईरान के सबसे प्राचीन क्षेत्रों में से एक है, जहाँ रहने का इतिहास पाँचवीं सहस्राब्दी ईसा पूर्व तक जाता है। प्राचीन काल में यह क्षेत्र इलाम सभ्यता का केंद्र माना जाता था और शूष या शुश शहर, जो इस सभ्यता की राजधानी था, खुज़िस्तान में स्थित था। खुज़िस्तान का अर्थ देहख़दा शब्दकोश में ऐसी भूमि है जहाँ चीनी या शक्कर की खेती होती हो। रूसी पूर्व विशेषज्ञ और ईरानविद् व्लादिमीर फ्योदरोविच मिनोर्स्की के अनुसार, खुज़िस्तान नाम खोज़ी जनजाति से लिया गया है, जो इलामियों की वंशज मानी जाती है।

इतिहास, प्रकृति और संस्कृति का संगम
खुज़िस्तान ऐसा गंतव्य है जहाँ इतिहास, प्रकृति और संस्कृति का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है। खुज़िस्तान प्रांत ईरान के गर्म क्षेत्रों में आता है और इसका प्राचीन इतिहास बहुत समृद्ध है। यह सुंदर और लोकप्रिय प्रांत उन पहले क्षेत्रों में से एक है जहाँ विश्व में सभ्यता का उद्भव हुआ।

ज़िगुरात चग़ाज़नबील
खुज़िस्तान, ईरान के सबसे महत्वपूर्ण प्राचीन स्थलों में से एक है, जिसे यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है और उसका नाम है चगाज़नबील यह प्राचीन ज़िगुरात, जिसकी उम्र 3000 वर्ष से भी अधिक है, खुज़िस्तान में शुष (शुश) के पास स्थित है। चगाज़नबील, जिसका अर्थ है "टोकरा आकार का टीला," दुनिया के सबसे बड़े ज़िगुरातों में से एक माना जाता है और इलामी काल में देवताओं की पूजा के लिए बनाया गया था। इसका ऊँचा और विशाल मीनार रेगिस्तानों और खजूर के बागानों के बीच स्थित है और इसका खास व विशेष आध्यात्मिक माहौल आगंतुकों को एक अनोखा अनुभव देता है। खुज़िस्तान के चगाज़नबील ज़िगुरात की यात्रा पर्यटकों को इतिहास की एक यात्रा पर ले जाती है।

शुष्तर की जल संरचनाएँ
ईरान के खुज़िस्तान प्रांत में स्थित शुष्तर की जल संरचनाएँ, सिंचाई प्रणालियों और जल चक्कियों का एक अनोखा समूह हैं, जिनकी उत्पत्ति सासानी काल 224 से 651 ईस्वी तक जाती है। इस ऐतिहासिक परिसर में नहरें, पुल, जल चक्कियाँ और कृत्रिम जलप्रपात व झरनें शामिल हैं, जो हजारों सालों के बाद भी कार्यरत हैं। ये संरचनाएँ अपने जल उपयोग के होशियार डिज़ाइन के कारण अद्भुत और अपनी तरह की एकमात्र हैं जो कृषि और दैनिक जीवन के लिए पानी का कुशल उपयोग करती हैं। यह परिसर खुज़िस्तान की प्राकृतिक सुंदरता के बीच स्थित है और यहाँ की यात्रा न केवल ईरानी इंजीनियरिंग के इतिहास से परिचय कराती है, बल्कि आसपास के खूबसूरत दृश्यों का आनंद लेने का अवसर भी देती है। शुष्तर की जल संरचनाएँ एक ऐसे धरोहर स्थल के रूप में मानी जाती हैं, जिसे 2009 में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया।

दानियल नबी का मक़बरा
दानियल नबी, जो यहूदी-पैगंबरों में से एक हैं, का मक़बरा शुष शहर में स्थित है और यह ईरान के खुज़िस्तान प्रांत के ऐतिहासिक स्थलों में से एक है, जिसे यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल किया गया है। इस इमारत की सुंदर और अनोखी सजावट तथा टाइल वर्क ने इसे इतना खास बना दिया है कि सिर्फ ईरानी ही नहीं, बल्कि विदेश से आए कई पर्यटक भी अपनी यात्रा के दौरान इस ऐतिहासिक स्थल का दौरा करते हैं। इस मक़बरे का दस मीटर ऊँचा मीनार, आगंतुकों का पहला आकर्षण होता है।

प्राचीन शुश स्थल
प्राचीन स्थल शुष, ईरान और विश्व के सबसे प्राचीन आवास स्थलों में से एक है, जो खुज़िस्तान प्रांत में स्थित है। इस शहर की उम्र लगभग 4000 वर्ष ईसा पूर्व की है, हालांकि इस क्षेत्र में निवास के प्रमाण 7000 वर्ष ईसा पूर्व तक भी पाए गए हैं। यह प्राचीन स्थल लगभग 400 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला हुआ है और यह करखे और देज़ नदियों के बीच स्थित है। प्राचीन स्थल शुष में विभिन्न ऐतिहासिक कालों के अनेक भवन और संरचनाएं शामिल हैं, जो इतिहास से पहले के काल से लेकर इस्लामी युग तक फ़ैली हुई हैं। इनमें अपदाना पैलेस, शावर पैलेस, पूर्वी द्वार, हेडिश, पंद्रहवीं शहर, हख़मनी गाँव, शुष की जामा मस्जिद, इस्लामी युग की इमारतों का समूह, एक्रोपोलिस टीले और फ्रांसीसी किला शामिल हैं।

हूर अल-अज़ीम तालाब
हूर अल-अज़ीम, जो ईरान और इराक़ की सीमा पर स्थित है और जिसे हूर अल-हौइज़ा भी कहा जाता है, ईरान के सबसे बड़े दलदलों व तालाबों से में एक है और यह कई प्रवासी पक्षियों का मुख्य आवास स्थल है। खुज़िस्तान का यह तालाब खासकर वसंत और शरद ऋतु के मौसमों में रंगों और जीवन से भरपूर होता है, जहाँ छोटी नावों से घुमते हुए आप इसके अद्भुत और शांति से भरे नजारों का आनंद ले सकते हैं। साथ ही, यहाँ की मधुर हवा और क्षेत्र की नमी, घने पौधों और पेड़ों के साथ मिलकर इस दलदल व तालाब को एक खास सुंदरता प्रदान करती है। हूऱ अल-अज़ीम तालाब एक राष्ट्रीय उद्यान के रूप में, प्रकृति प्रेमियों और पेशेवर फोटोग्राफरों दोनों के लिए एक शानदार गंतव्य है।

ईरान का ब्राजील
आबादान शहर, जिसे ईरान का ब्राजील कहा जाता है, खुज़िस्तान प्रांत के मुख्य शहरों में से एक है। यह शहर ज़ाग्रोस पर्वत की दक्षिणी ढ़लानों पर लगभग 12,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। अबादान, जिसका इतिहास बहुत प्राचीन है, अतीत में विशेष महत्व रखता था और यह आसपास के शहरों और देशों के साथ व्यापार और आदान-प्रदान का केंद्र माना जाता था। अबादान के लोग फुटबॉल के प्रति विशेष लगाव रखते हैं और अपने शहर को "ईरान का ब्राजील" कहते हैं। इस शहर की फुटबॉल टीम का नाम "सनअत नफ़्ते अबादान" है, जिसका जर्सी रंग ब्राजील की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम की तरह पीला होता है और इस टीम के समर्थक ब्राजील के झंडे के साथ स्टेडियम में जाकर अपनी टीम का उत्साहवर्धन करते हैं।
