जेसीपीओए के क्रियानव्यन में अमरीका की आना-कानी
ईरान के संसद सभापति ने अमरीकियों द्वारा संयुक्त समग्र कार्य योजना (जेसीपीओए) के क्रियान्वयन के संबंध में अपने वादों पर अमल न करने के संबंध में चेतावनी दी है।
डाॅक्टर अली लारीजानी ने ईरान टीवी के चैनल-2 से बात करते हुए कहा कि अगर दूसरा पक्ष अपने काम में अयोग्य है तो यह इस बात का कारण नहीं बनता कि ईरान वार्ता जारी न रखे लेकिन फिर वार्ता की शैली कुछ और होगी और ईरान को अधिक सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा कि ईरान ने यह सोच कर ही वार्ता की थी कि पश्चिम वाले संभावित रूप से परमाणु समझौते के क्रियान्वयन में रोड़े अटका सकते हैं लेकिन कुल मिला कर वार्ता और परमाणु समझौता ईरान के लिए अच्छा था।
परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर को कई महीने बीत जाने के बावजूद अब भी इसे पूरी तरह से लागू किए जाने के मार्ग में कई चुनौतियां हैं। इसी लिए ईरान के विदेश मंत्री की यूरोपीय देशों की हालिया यात्राओं में उनके कूटनैतिक प्रयासों का एक बड़ा भाग, इन चुनौतियों को दूर करने से विशेष रहा है। ईरान व संसार के संबंधों में बेहतरी, ईरान का क्षेत्रीय व वैश्विक कूटनीति के एक महत्वपूर्ण केंद्र में बदलना और द्विपक्षीय संबंधों में विस्तार के लिए ईरानी अधिकारियों की यात्राओं का स्वागत, परमाणु समझौते की उपलब्धियों में शामिल है।
परमाणु समझौते को पांच महीने का समय बीत जाने और ईरान व संसार के संबंधों में बेहतरी के बावजूद अमरीका के रवैये के चलते अब भी ईरान के साथ बैंकिंग लेन-देन को लेकर पश्चिमी देशों में चिंताएं पाई जाती हैं। ये चिंताएं पश्चिमी देशों विशेष कर अमरीका की ओर से आर्थिक संगठनों को प्रतिबंधों की ओर से निश्चित आश्वासन न दिए जाने के कारण हैं। (HN)