सिपाहे पासदारान ने अमेरिका और इज़राइल को चेतावनी दी, प्रतिरोध अजेय है
-
सिपाहे पासदारान का लोगो
पार्स टुडे - सिपाहे पासदारान ने एक बयान में ज़ोर देकर कहा: ज़ायोनी और अमेरिका के बुरे सपने और शातिर नक्शे इस बार भी दुश्मनों के लिए बेइज़्ज़ती और अपमान के अलावा कुछ और छोड़कर कुछ नहीं जाएंगे
सिपाहे पासदारान ने प्रतिरोध के नेताओं की शहादत की वर्षगांठ के मौके पर एक बयान में ज़ोर दिया कि ज़ायोनी और अमेरिका के प्रतिरोध को कमज़ोर करने या नष्ट करने के दुष्ट सपने बार-बार नाकाम रहे हैं और अल्लाह की कृपा से इस बार भी दुश्मनों के लिए अपमान के सिवा कोई परिणाम नहीं होगा।
पार्स टुडे की रिपोर्ट के अनुसार सिपाहे पासदारान के बयान में कहा गया है: लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध के नेताओं हुज्तुल इस्लाम व अल-मुस्लिमीन सैयद हसन नसरल्लाह और हुज्जतुल इस्लाम व अल-मुस्लिमीन सैयद हाशिम सफीउद्दीन की शहादत की वर्षगांठ के आगमन के संदर्भ में, हिज़्बुल्लाह के वरिष्ठ कमांडरों और अधिकारियों हाज अब्दुलमनम कर्की, दक्षिणी लेबनान मोर्चे के कमांडर, समीर दीब, शहीद नसरुल्लाह के कार्यालय के प्रमुख इब्राहीम जज़िनी, शहीद नस्रुल्लाह के सुरक्षा प्रभारी और अन्य वरिष्ठ कमांडर तथा अधिकारी और इस्लामी गार्ड के वीर सेनानी और इस्लामी गणराज्य ईरान के वरिष्ठ सैन्य सलाहकार पासदार अब्बास नीलफ़ुरुशान, जो ज़ाहिये बैरूत पर ज़ायोनी सरकार के आतंकवादी हमले के निशाने पर थे, इस्लामी क्रांतिकारी गार्ड कॉर्प्स के नेता और सर्वोच्च कमांडर इमाम ख़ामेनेई ने शहीदों के महान परिवारों, प्रतिरोध के बलों और क्षेत्र की जनता को दुख-संवेदना और बधाई प्रकट करते हुए, प्रतिरोध के सिद्धांतों और आदर्शों के प्रति प्रतिबद्धता और शहीदों के खून के प्रति वफ़ादारी पर ज़ोर दिया और निम्न रणनीतिक बिंदु विशेषकर प्यारे ईरानी महानराष्ट्र समेत इस्लामी उम्मत की जानकारी हेतु बयान किया है।
इस्लामी उम्मत की सुरक्षा और प्रतिष्ठा त्याग और प्रतिरोध का नतीजा है।
आज इस्लामी उम्मत और क्षेत्र के देशों की सुरक्षा और प्रतिष्ठा न तो राजनीतिक समझौतों और दुश्मनों के मानसिक युद्ध के सामने डरने का परिणाम है बल्कि यह उन ईमानदार मुजाहिदीन और प्रतिरोध के योद्धाओं की त्याग और बलिदान का नतीजा है जिन्होंने कठिन संघर्ष के मैदानों में लड़ाई लड़ी, चाहे वह दाइश के फितने का मुकाबला हो या ज़ायोनी आक्रामकता और हठधर्मी के खिलाफ़ रक्षा। वास्तव में इन शहीदों का खून क्षेत्र की जनता की सुरक्षा और रणनीतिक पूंजी की गारंटी है ताकि इस्लामी स्थिरता और पहचान बनी रहे।
प्रतिरोध, अहंकार का सामना करने का एकमात्र तर्कसंगत मार्ग
ऐतिहासिक अनुभव और वास्तविकता दर्शाते हैं कि सक्रिय और होशियार प्रतिरोध, क्षेत्र के देशों और जनता के लिए अहंकार और वैश्विक सियोनिज़्म के विस्तारवाद के खिलाफ़ प्रभावी और तर्कसंगत विकल्प है। निस्संदेह, किसी भी प्रकार का पीछे हटना और ज़बरदस्ती थोपे गए समझौतों पर भरोसा केवल दुश्मन की हिम्मत और खतरे को बढ़ाता है और जनता पर अपमान थोपता है।
प्रतिरोध संस्कृति की अजेयता
ग़ाज़ा के खिलाफ़ निर्दयी ज़ायोनी शासन के बढ़ते अपराध और असफल हमले प्रतिरोध मोर्चे की दृढ़ता और अजेयता को दर्शाते हैं और इस रक्तपिपासु शासन की असफलता को प्रकट करते हैं कि वह प्रतिरोध की लौ को बुझा सके। प्रतिरोध केवल कोई संस्थान नहीं है जिसे राजनीतिक और सुरक्षा प्रक्रियाओं में समाप्त किया जा सके बल्कि यह क्षेत्र की जनता की पहचान, विचारधारा और एक जीवित और जड़ें जमा चुकी संस्कृति है जो दिन-प्रतिदिन और गहरी और शक्तिशाली होती जा रही है।
शहीद नेता, इमाम के स्कूल के शिष्यों
सैयद हसन नसरल्लाह और सैयद हाशिम सफीअद्दीन, इमाम ख़ुमैनी (रह.) और इमाम ख़ामेनेई के श्रेष्ठ शिष्य थे, जिन्होंने विश्वास, तर्कसंगतता, समझदारी और अद्वितीय साहस के साथ प्रतिरोध मोर्चे को इस्लामी उम्मत की प्रतिष्ठा और क्षेत्र व विश्व स्तर पर रणनीतिक शक्ति का प्रतीक बनाया।
मजबूत नेतृत्वः शेख़ नईम कासिम
इस्लामी क्रांतिकारी गार्ड कॉर्प्स ने शेख़ नईम कासिम के सिद्धांतपूर्ण दृष्टिकोण और रणनीतिक भूमिका की सराहना करते हुए, उनके साहसी और ज्ञानी नेतृत्व का पूर्ण समर्थन और हिज़्बुल्लाह के प्रयासों को लेबनान की सुरक्षा और प्रतिरोध की दिशा को बनाए रखने में जारी रखने के लिए सराहना प्रकट की।
अमेरिका और ज़ायोनी शासन की योजनाओं की विफलता
ज़ायोनी शासन और अमेरिका के प्रतिरोध को कमजोर करने या नष्ट करने के शातिर प्रयास बार-बार नाकाम रहे हैं और अल्लाह की कृपा से इस बार भी अपमान और बेइज़्ज़ती के अलावा कोई और परिणाम नहीं होगा। शत्रु के शैतानी इरादों के विपरीत, आज प्रतिरोध न केवल कमजोर नहीं हुआ, बल्कि इसकी चमक और विकास क्षेत्र में संतुलनकारी शक्ति के रूप में और अधिक स्पष्ट हो रहा है।
सिपाह का मिशन प्रतिरोध को मज़बूत करना और समर्थन देना
वर्तमान नाज़ुक और संवेदनशील परिस्थितियों में सिपाहे पासदारान क्षेत्रीय भूगोल में प्रतिरोध के समर्थन और सहायता को अपने कार्यक्रम में बरकरार रखता है और इस मार्ग की निरंतरता जब तक कब्ज़े का पूर्ण अंत न हो और पाक क़ुद्स की मुक्त व स्वतंत्र न हो जाए इसे एक एलाही राष्ट्रीय और अविराम मिशन मानता है।
अंत में ज़ोर देकर कहा जाता है कि प्रतिरोध के नेताओं की शहादत इस्लामी जागरण और ज़ायोनी विरोधी मोर्चे की ताक़त बढ़ाने में एक निर्णायक मोड़ है और क्षेत्र के सभी देशों की जनता को सतर्कता, एकता और प्रतिरोध की राह की निरंतरता बनाए रखते हुए अपनी ऐतिहासिक जिम्मेदारी निभानी चाहिए, क्षेत्र का भविष्य लोगों की इच्छा के अधीन है और लोगों की इच्छा दुश्मनों की हार और प्रतिरोध की निर्णायक जीत पर टिकी हुई है। mm