ईरानी संसदउपाध्यक्ष: ज़ायोनियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाया जाना चाहिए
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ईरान के संसदउपाध्यक्ष हमीदरेज़ा हाजी बाबाई
पार्स टुडे – संसद के उपाध्यक्ष ने कहा कि फ़िलिस्तीन इस्लामी जगत का पहला और प्रमुख मुद्दा है तथा ज़ोर देकर कहा कि ज़ायोनियों को उन अपराधों के लिए मुक़दमे का सामना करना चाहिए जो उन्होंने पिछले दो वर्षों में ग़ाज़ा पट्टी में किए हैं।
ईरान की संसद के उपाध्यक्ष हमीदरेज़ा हाजी बाबाई ने जिनेवा में आयोजित अंतर-संसदीय सम्मेलन के दौरान फ़िलिस्तीन की संसद के उपाध्यक्ष मूसा हदीद से मुलाक़ात की। पार्स टुडे के अनुसार, हाजी बाबाई ने कहा कि फ़िलिस्तीन इस्लामी दुनिया की पहली और महत्वपूर्ण समस्या है और यह भी जोड़ा कि ज़ायोनियों को पिछले दो वर्षों में ग़ाज़ा में किए गए अपराधों के लिए न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस्लामी गणराज्य ईरान का प्रस्ताव यह है कि फ़िलिस्तीन देश का गठन उस भूमि के मूल निवासियों के मतदान के आधार पर हो, जिसकी राजधानी अल-कुद्स यानी बैतुल मुक़द्दस हो।
हाजी बाबाई ने आगे कहा: अमेरिका और ज़ायोनी शासन अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन नहीं करते। वास्तव में अमेरिका और ज़ायोनी एक ही हैं, क्योंकि ज़ायोनी शासन अमेरिका की अनुमति के बिना कुछ नहीं करता।
ज़ायोनी कनेस्सेत द्वारा पश्चिमी तट के विलय का विधेयक अंतरराष्ट्रीय वैधता नहीं रखता
इसी बीच ईरान की संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के सदस्य सालार वलायतमदार ने कहा कि ज़ायोनी शासन की जड़ें ही अवैध हैं। उन्होंने पश्चिमी तट को मिलाने और बस्तियों के विस्तार के उद्देश्य से कनेस्सेत की मंजूरी की निंदा करते हुए कहा: ज़ायोनी शासन की संसद एक गैरकानूनी संस्था है और उसके पारित प्रस्तावों की कोई अंतरराष्ट्रीय वैधता नहीं है।
ईरान की वैज्ञानिक प्रगति उसके शत्रुओं को क्रोधित करती है
ईरान की संसद की विधिक और न्यायिक समिति के सदस्य सलमान ज़ारेअ ने कहा कि ईरान की वैज्ञानिक प्रगति हमेशा उसके दुश्मनों को नाराज़ और बेचैन करती रही है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका और पश्चिम हर बार ईरानी वैज्ञानिकों को समाप्त करने और प्रतिभाओं को निशाना बनाने के लिए नई नीतियाँ और तरीके अपनाते हैं, लेकिन वैज्ञानिक जड़ें समाप्त नहीं होतीं, नई वैज्ञानिक हस्तियाँ उनकी जगह लेती हैं।
ट्रंप की नज़र में शांति राजनीतिक धमकी और अन्यायपूर्ण शर्तों के थोपने पर आधारित है
ईरान की संसद की प्रेसीडियम समिति के सदस्य अब्बास पापी ज़ादे बालनगान ने कहा: व्हाइट हाउस अधिकारियों के शांति प्राप्ति के दावे का असली अर्थ आर्थिक नाकाबंदी, राजनीतिक धमकी और ज़ालिमाना शर्तों को थोपना है। MM