राष्ट्रपति रूहानी का मलेशिया का दौरा, ईरान-मलेशिया संबंधों का नया क्षितिज
राष्ट्रपति रूहानी दक्षिण-पूर्वी एशियाई क्षेत्र के दौरे के क्रम में शुक्रवार की सुबह मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर पहुंचे।
यह मलेशिया का उनका दो दिवसीय दौरा है जिसमें वह इस देश के उच्च अधिकारियों से आर्थिक, औद्योगिक व प्रौद्योगिक क्षेत्र में सहयोग व द्विपक्षीय संबंधों के बारे में बातचीत करेंगे।
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई पूर्वी देशों के साथ संबंध को अहमियत देते हैं। ईरानी राष्ट्रपति का दक्षिण-पूर्वी एशिया का यह दौरा पूर्वी देशों से संबंध बनाने की ईरान की नीति के परिप्रेक्ष्य में है। इसी इरादे से राष्ट्रपति रूहानी मलेशिया गए हैं, जिसके बाद वह थाईलैंड जाएंगे।
वरिष्ठ नेता ने एशियाई देशों से सहयोग और पूर्वी एशियाई देशों से संबंध बनाने पर आधारित ईरान की नीति की रूपरेखा तय की है।
दक्षिण-पूर्वी एशिया में अपार संभावनाए हैं। ईरान और मलेशिया आपसी समानताओं के मद्देनज़र इन क्षमताओं से बेहतरीन ढंग से फ़ायदा उठा सकते हैं।
मलेशिया एशिया में एक महत्वपूर्ण इस्लामी देश होने के साथ साथ अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विविधता रखता है।
ईरान और गुट पांच धन एक के बीच हुए परमाणु समझौते से ईरान के लिए दूसरे देशों के साथ संबंध और ख़ास तौर पर पूर्वी देशों के साथ संबंध में विस्तार का अवसर मुहैया हुआ है। जेसीपीओए के लागू होने से बने हालात ने ईरान और मलेशिया को यह अवसर दिया है कि वे पाबंदियों के दौर में हुए नुक़सान की अच्छी तरह भरपाई कर सकते हैं।
ईरान और मलेशिया बहुत से क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मामलों में समान दृष्टिकोण रखते हैं। इसी प्रकार ये दोनों देश चरमपंथ और आतंकवाद के ख़िलाफ़ हैं। इन सब बातों के मद्देनज़र विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देश के बीच सहयोग का मार्ग समतल है। इसके अलावा दोनों देश क्षेत्रीय संगठन डी-8 के सदस्य देश के नाते भी आपसी हितों के लिए कोशिश कर सकते हैं।
पर्यटन, विज्ञान व प्रौद्योगिकी और सांस्कृति वे क्षेत्र हैं, जिसमें ईरान और मलेशिया आपस में बेहतरीन सहयोग कर सकते हैं। (MAQ/T)