इमाम ख़ुमैनी ने दिए इस्लामी जगत को दो अनमोल तोहफ़े
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ईरान की राजधानी तेहरान में ईदे मीलादुन्नबी के अवसर पर आयोजित तीसवां एकता अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शनिवार को संपन्न हो गया।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Dec १८, २०१६ १८:३९ Asia/Kolkata

ईरान की राजधानी तेहरान में ईदे मीलादुन्नबी के अवसर पर आयोजित तीसवां एकता अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शनिवार को संपन्न हो गया।

इस एकता सम्मेलन में दुनिया भर के लगभग 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस विश्व स्तरीय सम्मेलन में भाग लेने वालों ने विश्व भर के लोगों के मध्य शांति और एकता पैदा करने के प्रयास पर बल दिया, साथ ही मुस्लिम जगत में बढ़ रहे आपसी तनाव पर चिंता व्यक्त की गई और मुसलमानों को आपस में लड़ाने वाली शक्तियों को दुनिया भर के लोगों के सामने बेनकाब करने का संकल्प लिया गया।

 

जहां एक तरफ़ विश्व के 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने इस एकता सम्मेलन में भाग लिया था वहीं भारत और पाकिस्तान के भी धर्मगुरूओं और बुद्धिजीवियों ने इस ऐतिहासिक सम्मेलन में भाग लेकर अपनी उपस्तिथि दर्ज कराई। भारत से आए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मौलाना अली मोहम्मद नक़वी से रविश ज़ैदी ने ख़ास बातचीत की। मौलाना अली मोहम्मद ने कहा कि इस समय जो मुसलमानों और पूरी दुनिया के इंसानों के बीच धर्म को लेकर तनाव उत्पन किए जा रहे हैं उसको देखते हुए एकता सम्मेलन ऐसा प्लटफ़ार्म है जो इंसानियत दुश्मन ताक़तों के मुक़ाबले में ढ़ाल बन गया है।

 

भारत के ही कश्मीर से आए बुद्धिजीवी मुर्तज़ा सालेही ने एकता सम्मेलन की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के सम्मेलन समय और हालात की मांग है जिससे एक दूसरे से दूर होते मुसलमानों और इस्लामी देशों को नज़दीक लाया जा सकता है।

मुर्तज़ा सालेही ने कहा कि इस्लामी क्रांति के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी ने दुनिया भर के मुसलमानों और इस्लामी जगत को दो बड़े ही अनमोल तोहफ़े दिए हैं जिसके द्वारा मुसलमान एक प्लेफार्म पर आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहला तोहफ़ा अंतर्राष्ट्रीय क़ुद्स दिवस है और दूसरा तोहफ़ा एकता सप्ताह है।

मुर्ताज़ा सालेही ने कहा कि इमाम ख़ुमैनी के बाद इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने बड़ी मज़बूती और अच्छे तरीक़े से आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि एक दिन दुनिया देखेगी कि यही अंतर्राष्ट्रीय क़ुद्स दिवस और एकता सप्ताह इस्लाम और मुसलमान दुश्मन ताक़तों की साज़िशों पर पानी फेर देगा।

 

पाकिस्तान की महिला बुद्धिजीवी वजीहा ज़हरा नक़वी ने कहा कि इस समय जब इस्लाम दुश्मन ताक़तों ने मुसलमानों के भेस में आतंकवाद को जन्म दिया है ताकि पूरी दुनिया में फैल रहे इस्लाम धर्म को बदनाम करके उसकी बढ़ती रफ़्तार को रोक सकें, इन हालात में केवल एक ही रास्ता है जो मुसलमानों के बीच बढ़ती खाई को पाट सकता है वह है एकता और उस एकता के मार्ग को ईरान की इस्लामी क्रांति के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी ने अपने ही जीवन में प्रशस्त कर दिया था।

 

एकता सम्मेलन में पाकिस्तान से ही आए अमजद काज़मी अधिवक्ता ने भी एकता के मार्ग में ईरान द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि पैग़म्बरे इस्लाम (स) के शुभ जन्म दिवस के अवसर पर एकता सप्ताह से अच्छा कोई और कार्यक्रम नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि तकफ़ीरियों, वहाबियों और ज़ायोनियों द्वारा इस्लाम और मुसलमानों के बीच जो नफ़रत का बीज बोया जा रहा है उसको समाप्त करने के लिए केवल एकता ही एक रास्ता है। (RZ)