इमाम ख़ुमैनी सभी मुसलमानों के हैंः राष्ट्रपति रूहानी
राष्ट्रपति ने कहा है कि स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी के विचार और स्वतंत्रता व स्वाधीनता जैसी इस्लामी क्रांति की उमंगें, इस्लामी गणतंत्र ईरान के मूल आधारों में से हैं।
डाॅक्टर हसन रूहानी ने सोमवार को इस्लामी क्रांति की सफलता की 38वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में इमाम ख़ुमैनी के लक्ष्यों और उमंगों के प्रति कटिबद्धता के वचन को मंत्री मंडल द्वारा दोहराए जाने के कार्यक्रम में कहा कि स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी, इस्लामी क्रांति की सफलता और उसके प्रसार के मार्ग में हर प्रकार की सशस्त्र राहों के विरोधी थे और हमेशा जनता के स्तर पर और सांस्कृतिक संघर्ष पर बल देते थे। इमाम ख़ुमैनी के मज़ार पर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति रूहानी ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि इमाम ख़ुमैनी का मार्ग, स्वतंत्रता और स्वाधीनता का मार्ग था, कहा कि चुनाव की स्वतंत्रता और स्वाधीनता का सबसे अच्छा प्रतिबिंबन, अलग-थलग होने के अर्थ में नहीं बल्कि देश के भविष्य पर दूसरों के वर्चस्व को रोकने के अर्थ में है।
राष्ट्रपति हसन रूहानी ने इस बात पर बल देते हुए कि ईरानी राष्ट्र न तो दूसरों का भक्त है और न ही दूसरों का शत्रु है, कहा कि इस्लामी गतणंत्र ईरान, संसार के साथ सकारात्मक सहयोग से इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के मार्गदर्शन में अपने राष्ट्रीय हितों के परिप्रेक्ष्य में लाभ उठाता है। उन्होंने इस बात का उल्लेख करते हुए कि ईरान की सरकार इमाम ख़ुमैनी के मार्ग पर चलने और उनके तथा वरिष्ठ नेता के मार्गदर्शन में आगे बढ़ने के लिए कटिबद्ध है, कहा कि इमाम ख़ुमैनी किसी विशेष वर्ग के नहीं बल्कि संसार के सभी मुसलमानों के हैं। उन्होंने इसी तरह तेहरान के प्लास्को नामक शाॅपिंग सेंटर में आग लगने की दुर्घटना में कई फ़ायर फ़ाइटर्ज़ के हताहत होने पर एक बार फिर शोक प्रकट किया और उनके परिजनों से संवेदना जताई। राष्ट्रपति ने कहा कि इन त्यागी व बलिदानी फ़ायर फ़ाइटर्ज़ ने दिखा दिया कि अब भी लोगों के लिए त्याग, बलिदान और प्राण न्योछावर करने वाले मौजूद हैं। (HN)