विदेशियों की साज़िशों के सामने डटना ज़रूरी, राष्ट्रपति रूहानी
राष्ट्रपति रूहानी ने इस्लामी क्रांति की सफलता की वर्षगांठ के जूलूस में भाग लेने का आह्वान करते हुए कहा है कि विश्व की वर्तमान परिस्थतियों में यह ज़रूरी है कि हम क्रांति के उद्देश्यों पर डटे रहें और दुश्मन के सामने ताक़त के साथ खड़े रहें।
राष्ट्रपति रूहानी ने मंगलवार की शाम सांस्कृतिक क्रांति की उच्च परिषद की बैठक में कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि गत 38 वर्षों में हमारी जनता हर अवसर पर पूरे उत्साह के साथ उपस्थित रही है और इस्लामी व्यवस्था के उद्देश्यों की राह में सदा त्याग व बलिदान द्वारा दुश्मनों की साज़िशों का मुक़ाबला किया है।
राष्ट्रपति रूहानी ने जनता के संकल्प से इस्लामी व्यवस्था, स्वाधीनता, संप्रभुता को क्रांति की बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि इसके अलावा भी वैज्ञानिक क्षेत्रों में विकास और सामाजिक सेवा में विस्तार भी क्रांति की उपलब्धियों में से है।
उन्होंने कहा कि क्रांति से पहले ईरान अमरीकी नेतृत्व वाले विश्व साम्राज्य के एजेन्ट के रूप में काम करता था किंतु क्रांति की सफलता के बाद आज ईरान क्रांति की वजह से एक ताकतवर, सम्मानीय और क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय परिवर्तनों में प्रभावशाली देश है।
राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि इमाम खुमैनी ने दूरदर्शिता व बुद्धिमत्ता के साथ क्रांति का नेतृत्व किया और गोली के सामने फूल पेश करने की नीति इस बात का कारण बनी कि क्रांति की सफलता से कुछ दिन पहले वायु सेना के जवान इमाम खुमैनी की सेवा में पहुंचे और उनकी आज्ञापालन की प्रतिज्ञा ली जिससे शाही व्यवस्था की कमर टूट गयी। (Q.A.)