अमेरिका की स्ट्रैटेजी आतंकवाद से मुकाबला नहीं हैः लारीजानी 
(last modified Tue, 27 Jun 2017 14:18:23 GMT )
Jun २७, २०१७ १९:४८ Asia/Kolkata

अमेरिका आतंकवाद का प्रयोग हथकंडे के रूप में कर रहा है

ईरान के संसद सभापति ने आतंकवाद से मुकाबले के लिए क्षेत्र में मौजूद संभावनाओं की ओर संकेत करते हुए कहा है कि अमेरिका की स्ट्रैटेजी आतंकवाद से मुकाबला नहीं है बल्कि उसके खिलाफ है।

डॉक्टर अली लारीजानी ने आतंकवाद को विश्व के लिए विनाशकारी खतरा बताया और कहा कि अमेरिका आतंकवाद का प्रयोग हथकंडे के रूप में कर रहा है और इस प्रकार की स्थिति में यूरेशिया के देशों को चाहिये कि वे इस प्रकार अमल करें कि आतंकवादी विचारधारा के दिशा -निर्देशकों और उसके समर्थकों का खर्च राजनीतिक, प्रचारिक और सुरक्षा की दृष्टि से अधिक हो जाये।

आतंकवाद आज अंतरराष्ट्रीय खतरा हो गया है और वह किसी सीमा को नहीं पहचान रहा है।

एक वह समय था जब आतंकवादी गुट दाइश सीरिया और इराक की सीमाओं में सीमित था परंतु अब अमेरिका सहित कुछ देशों की दोहरी व विरोधाभासी नीतियों के कारण दाइशी आतंकवादियों ने अफगानिस्तान यहां तक फिलिप्पीन बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में पैर जमा लिया है।

आतंकवाद से मुक्ति पाने के लिए सुरक्षा, वित्तीय और वैचारिक क्षेत्र में सामूहिक सहकारिता के अलावा विश्व के पास कोई अन्य विकल्प नहीं है।

आतंकवाद का मुकाबला अब सैनिक कार्यवाहियों तक सीमित नहीं है बल्कि वैचारिक और आर्थिक स्रोतों से भी उसका मुकाबला ज़रूरी है और अगर ऐसा नहीं किया गया तो आतंकवाद के अभिशाप को समूल नष्ट नहीं किया जा सकता।

अमेरिका और सऊदी अरब जैसे देशों के व्यवहार ने वैचारिक और वित्तीय दृष्टि से आतंकवादियों को जीवन प्रदान कर दिया है और इन देशों का यह विरोधाभासी रवइया आतंकवाद से मुकाबले के दावे से न केवल मेल नहीं खाता है बल्कि आतंकवाद से मुकाबले के खिलाफ है।

वहाबी विचारधारा दाइशी आतंकवाद की जननी है जिसका दिशा निर्देशन आले सऊद की तानाशाही सरकार की छत्रछाया में हो रहा है।

रोचक बात यह है कि अमेरिका आतंकवाद को अच्छे और बुरे दो भागों में बांटता है और जिन्हें वह अच्छा आतंकवादी बताता है उनके लिए हथियार भेजता है।

इस प्रकार की स्थिति में अमेरिका और सऊदी अरब आतंकवाद से मुकाबले का दावा करते हैं और साथ ही उन देशों और संगठनों पर आतंकवाद के समर्थन का लेबल लगाते हैं जो समस्त क्षेत्रों में गम्भीरता से आतंकवाद से मुकाबला कर रहे हैं।

बहरहाल इस प्रकार के विरोधाभासी रवइये से आतंकवाद से मुकाबले की प्रक्रिया कमज़ोर होती है और जब तक यह प्रक्रिया जारी रहेगी तब तक आतंकवाद का समूल सफाया नहीं हो सकता। MM

 

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