क्षेत्र में एक नया इस्राईल बनाने का षडयंत्र जारी
(last modified Thu, 05 Oct 2017 09:14:31 GMT )
Oct ०५, २०१७ १४:४४ Asia/Kolkata
  • क्षेत्र में एक नया इस्राईल बनाने का षडयंत्र जारी

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि अमरीका और विदेशी शक्तियां, क्षेत्र में एक नया इस्राईल बनाना चाहती हैं।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान से भेंट में इराक़ के कुर्दिस्तान में आयोजित जनमत संग्रह के बारे मे कहा कि इससे अमरीका और विदेशी शक्तियों का उद्देश्य, क्षेत्र में नए इस्राईल का गठन है।  वरिष्ठ नेता ने कुर्दिस्तान में आयोजित जनमत संग्रह को क्षेत्र के साथ विश्वासघात और उसके भविष्य के लिए गंभीर ख़तरा बताया।  उन्होंने कहा कि इस जनमत संग्रह के बारे में अमरीका व यूरोपीय सरकारों के विचार, ईरान व तुर्की से पूरी तरह भिन्न हैं।

इस्लामी गणतंत्र ईरान और तुर्की, कुर्दिस्तान के इराक़ से अलग होने के मूल रूप से विरोधी रहे हैं।  इन देशों ने इराक़ के कुर्दिस्तान में कराए जाने वाले जमत संग्रह से बहुत पहले ही स्पष्ट रूप में अपने दृष्टिकोणों की घोषणा कर दी थी।  आज भी तेहरान तथा तुर्की, कुर्दिस्तान के प्रमुख मूसद बारेज़ानी की कार्यवाही की निंदा करने के साथ ही इसको पूरे क्षेत्र के लिए गंभीर ख़तरा बता रहे हैं।  यह जनमत संग्रह स्वयं कुर्दिस्तान के उच्च हितों को भी क्षति पहुंचाने वाला है।  इसी जनमत संग्रह के कुछ आयामों के बारे में वार्ता करने के उद्देश्य से तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान ने ईरान की यात्रा की है।

तुर्की के राष्ट्रपति के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ईरान के राष्ट्रपति डा. हसन रूहानी ने कहा कि इराक़ के कुर्दिस्तान के लोग अच्छे पड़ोसी हैं और हम नहीं चाहते कि उनके लिए समस्याएं उत्पन्न हों, लेकिन वहां के नेताओं ने जो ग़लत फैसले किये हैं उनकी उन्हें क्षतिपूर्ति करनी चाहिए।  उन्होंने कहा कि इस बारे में ईरान, तुर्की और इराक़ की केन्द्र सरकार, क्षेत्र की रणनीति के बारे में कुछ फैसले लेने के लिए मजबूर हैं।

यद्यपि अमरीका और यूरोपीय, मौखिक रूप में इराक़ की एकता और अखण्डता पर बल देते हैं किंतु उन्होंने इराक़ के कुर्दिस्तान के जनमत संग्रह का खुलकर विरोध नहीं किया है बल्कि वे इस बारे में इस्राईल के पद चिन्हों पर चल रहे हैं।  इराक़ के कुर्दिस्तान में कराए गए जनमत संग्रह का इस्राईल की ओर से खुलकर समर्थन, और इस बारे में अमरीका का दोहरा मानदंड दर्शाता है कि अमरीका और इस्राईल का यह संयुक्त षडयंत्र वास्तव में इराक़ और सीरिया की एकता के लिए गंभीर ख़तरा है।