अमरीका को ठोस उत्तर दिया जाए, ईरानी संसद + वीडियो
(last modified Wed, 09 May 2018 09:57:23 GMT )
May ०९, २०१८ १५:२७ Asia/Kolkata

इस्लामी गणतंत्र ईरान के सांसदों ने ईरानी सरकार से मांग की है कि वह जेसीपीओए के पालन में जवाबी कार्यवाही के कानून को लागू करे।

इस्लामी गणतंत्र ईरान के सांसदों ने बुधवार को एक बयान जारी करके जेसीपीओए से बाहर निकलने के अमरीकी राष्ट्रपति के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि अमरीकी राष्ट्रपति  अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करते हुए जिस से जेसीपीओए से निकले हैं उससे यह सिद्ध हो गया कि अमरीका, ज़ायोनी शासन  और कुछ रूढ़िवादी अरब देश तथा एमकेओ के आतंकवादी ईरानी राष्ट्र के खिलाफ एक मोर्चे पर हैं। 

बयान में कहा गया है कि निश्चित रूप से विश्व वासियों विशेषकर जेसीपीओए पर हस्ताक्षर करने वाले युरोपीय देश और चीन व रूस की बहुत बड़ी परीक्षा है जिसके दौरान यह स्पष्ट होगा कि क्या वह अमरीकी राष्ट्रपति के लोभ के सामने खड़े होंगे ताकि वार्ता का द्वारा यथावत खुला रहे या फिर अमरीकी राष्ट्रपति की एकाधिकार भावना , वर्चस्वाद और कुतर्क का समर्थन करते हैं। 

ईरान में संसद में पारित जेसीपीओए के पालन के कानून के अनुसार सरकार का यह कर्तव्य है कि वह अन्य पक्षों की ओर से जेसीपीओए के उल्लंघन की दशा में ईरानी राष्ट्र के अधिकारों की रक्षा को सुनिश्चित करे और स्वेच्छा से किये जाने वाले सहयोग को रोक दे। 

अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछली रात यह पक्षीय फैसला करते हुए , जेसीपीओए से अमरीका के निकलने की घोषणा करते हुए ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों को फिर से लागू करने का आदेश दे दिया है। 

इस एलान के बाद तीन समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले तीन युरोपीय देशों ने ट्रम्प के फैसले की आलोचना करते हुए एक बयान में ईरान से अपील की कि वह संयम बरते और इस बात पर बल दिया कि वह जेसीपीओए का पालन करते रहेंगे। (Q.A.)

 

 

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