राष्ट्र संघ की महासाभा के अवसर पर राष्ट्रपति रूहानी की मुलाक़ातें
इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डाॅक्टर हसन रूहानी ने संयुक्त राष्ट्र संघ की महासाभा के अधिवेशन के अवसर पर न्यूयाॅर्क में अपने अंतिम दिन कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव से मुलाक़ात की।
डाॅक्टर रूहानी ने बुधवार की शाम संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव अंटोनियो गुटेरस से मुलाक़ात की और जेसीपीओए, सीरिया संकट और यमन युद्ध समेत अनेक विषयों पर उनसे बात की। उन्होंने परमाणु समझौते के बारे में महासचिव के रुख़ को सकारात्मक बताया और कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ को अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों को मज़बूत बनाने के परिप्रेक्ष्य में अपने दायित्वों का इस प्रकार निर्वाह करना चाहिए कि कोई भी देश अंतर्राष्ट्रीय कटिबद्धताओं विशेष कर सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन न कर सके।
राष्ट्रपति रूहानी ने इटली के प्रधानमंत्री जोज़फ़ कोन्टे से भी मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में उन्होंने अहवाज़ में सैन्य परेड पर होने वाले आतंकी हमले की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कि एक 4 साल के बच्चे समेत 24 निर्दोष लोगों को शहीद करने की आतंकी घटना से स्पष्ट हो गया कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ अधिक गंभीर कार्यवाही होनी चाहिए। उन्होंने इस बात की ओर इशारा करते हुए कि ईरान व इटली के संबंध हमेशा अच्छे और दोस्ताना रहे हैं, कहा कि इटली इस समय यूरोप में ईरान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है और दोनों देशों के आर्थिक व व्यापारिक संबंधों को पहले से अधिक विस्तृत किया जा सकता है।
ईरान के राष्ट्रपति ने जापान के प्रधानमंत्री शीनज़ो आबे से भी अहम द्विपक्षीय, क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर विचार विमर्श किया। इस मुलाक़ात में डाॅक्टर रूहानी और शीनज़ो आबे ने दोनों देशों के घनिष्ठ व पारंपरिक संबंधों की ओर इशारा करते हुए विभिन्न राजनैतिक व आर्थिक क्षेत्रों में ईरान व जापाना का सहयोग जारी रहने पर बल दिया। ईरान के राष्ट्रपति ने क्षेत्र व संसार में जापान की अहम भूमिका की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कहा कि उनका देश दक्षिणपूर्वी ईरान की चाबहार बंदरगाह के विकास और ऊर्जा परियोनाओं को आगे बढ़ाने में जापान के पूंजी निवेश का स्वागत करता है।
राष्ट्रपति हसन रूहानी ने न्यूयाॅर्क में वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो से भी मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में उन्होंने दोनों देशों के अच्छे संबंधों की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कि ईरान व वेनेज़ुएला के लोग निरंतर अमरीका के हमलों और प्रतिबंधों का निशाना बनते रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमरीकी वार्ता की भी बात करते हैं और ईरान की सरकार गिराने की भी कोशिश कर रह हैं और उनका विचार है कि अगर वे जनता पर दबाव डालेंगे तो अपना लक्ष्य हासिल कर लेंगे लेकिन उन्हें पता नहीं है कि जिस सरकार को जनता का सहारा हासिल हो वह कभी भी धमकियों के सामने घुटने नहीं टेकेगी।
इस्लामी गणतंत्र ईरान ने अपनी न्यूयाॅर्क यात्रा के अंतिम दिन एक पत्रकार सम्मेलन में भी भाग लिया। इस पत्रकार सम्मेलन में उन्होंने कहा कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद की बैठक ने भी सिद्ध कर दिया कि अमरीका अकेला है और सभी देशों ने परमाणु समझौते का समर्थन किया और प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अमरीका के क़दम को ग़लत ठहराया है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मामलों का सबसे अहम विषय, बहुपक्षीय परमाणु समझौते से अमरीका का ग़ैर क़ानूनी ढंग से बाहर निकल जाना था। डाॅक्टर रूहानी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ की महासाभा के अधिवेशन के अवसर पर संसार के अधिकतर देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने कूटनैतिक उपलब्धि के रूप में परमाणु समझौते का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अमरीका, अपने ईरान विरोधी क़दम में अलग-थलग पड़ गया है और परमाणु समझौते से उसके निकलने को अधिकतर देशों ने बहुत बड़ी राजनैतिक ग़लती बताया है। (HN)