तेहरान- बाकू के मध्य सैन्य समझौते पर हस्ताक्षर हुए
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तेहरान और बाकू के मध्य होने वाली सैनिक सहकारिता राजनीतिक एवं आर्थिक सहकारिता की भी पूरक है और दोनों पक्ष इस सहकारिता को विभिन्न क्षेत्रों में अधिक से अधिक विस्तृत करने के प्रयास में हैं।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Jan १७, २०१९ २१:०३ Asia/Kolkata

तेहरान और बाकू के मध्य होने वाली सैनिक सहकारिता राजनीतिक एवं आर्थिक सहकारिता की भी पूरक है और दोनों पक्ष इस सहकारिता को विभिन्न क्षेत्रों में अधिक से अधिक विस्तृत करने के प्रयास में हैं।

ईरान के चीफ़ ऑफ आर्मी स्टाफ ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद बाक़िरी ने आज़रबाइजान गणराज्य के प्रतिरक्षामंत्री से भेंट की जिसमें दोनों पक्षों ने सैनिक सहकारिता के एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किये।

इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद बाकिरी ने आशा जताई कि द्विपक्षीय सैनिक संबंधों में विस्तार की दिशा में बड़े कदम उठाये जायेंगे।

आज़रबाइजान गणराज्य के रक्षामंत्री ज़ाकिर हसनोफ़ ने भी इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद कहा कि ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद बाकिरी की बाकू यात्रा के बाद दोनों देशों के मध्य होने वाली सैनिक सहकारिता अपनी सबसे ऊंची सतह पर पहुंच जायेगी।

ईरान और आज़रबाइजान गणराज्य के मध्य होने वाला सैनिक समझौते पर हस्ताक्षर इस बात का सूचक है कि दोनों देश विभिन्न क्षेत्रों में द्वपक्षीय संबंधों में विस्तार के इच्छुक हैं। धार्मिक और सांस्कृतिक समानता रखने के कारण आज़रबाइजान गणराज्य ईरान के निकटवर्ती देशों में से एक है और इसी कारण दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध हैं।

पिछले पांच वर्षों के दौरान राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी और आज़रबाइजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीओफ़ ने 12 बार एक दूसरे से भेंट की जो इस बात की सूचक है कि दोनों देश अधिक से अधिक द्विपक्षीय संबंधों में विस्तार के इच्छुक हैं।  

ईरान और आज़रबाइजान दो पड़ोसी देश हैं और दोनों के संयुक्त हित हैं और सैनिक क्षेत्र में सहकारिता दोनों देशों के मध्य संबंधों की प्रगाढ़ता की सूचक है।

तेहरान और बाकू के मध्य होने वाली सैनिक सहकारिता राजनीतिक एवं आर्थिक सहकारिता की भी पूरक है और दोनों पक्ष इस सहकारिता को विभिन्न क्षेत्रों में अधिक से अधिक विस्तृत करने के प्रयास में हैं।

ईरान के राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी ने अभी हाल ही में तेहरान में आज़रबाइजान गणराज्य के संसद सभापित से भेंट में आस्तारा- आस्तारा और रश्त- आस्तारा रेल संपर्क को दोनों देशों के मध्य होने वाली ट्रांज़िट सहकारिता में विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा था कि उत्तर- दक्षिण गलियारे के पूरा हो जाने से आज़रबाइजान गणराज्य, रूस, काला सागर और पूर्वी व उत्तरी यूरोप ओमान सागर और हिंन्द महासागर से जुड़ जायेंगे।

इस प्रकार का संबंध इस बात का सूचक है कि ईरान और आज़रबाइजान के मध्य होने वाली सहकारिता का भविष्य उज्जवल है और दोनों देशों के मध्य होने वाला समझौता इस बात का परिचायक है कि द्विपक्षीय संबंधों के उज्जवल भविष्य की दिशा में कदम उठाया जा चुका है।

बहरहाल ईरान क्षेत्र और पड़ोसी देशों की शांति व सुरक्षा को अपनी शांति व सुरक्षा समझता है और इसी परिप्रेक्ष्य में वह मज़बूत क्षेत्र चाहता है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि ईरान और आज़रबाइजान गणराज्य के मध्य होने वाली सैनिक सहकारिता से न केवल दोनों देशों को लाभ होगा बल्कि उससे क्षेत्रीय देशों को भी लाभ पहुंचेगा। MM