क्या तेल के मुद्दे को राजनैतिक रंग देना चाहिए?
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ईरान के पेट्रोलियम मंत्री बीजन नामदार ज़न्गने ने तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक में इन देशों के पेट्रोलियम मंत्रियों की वियना में 176वीं बैठक के अवसर पर सीएनबीसी टीवी चैनल से इंटरव्यू में कहा कि तेल के मुद्दे को राजनैतिक रंग न दिया जाए।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Jul ०३, २०१९ १७:२२ Asia/Kolkata

ईरान के पेट्रोलियम मंत्री बीजन नामदार ज़न्गने ने तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक में इन देशों के पेट्रोलियम मंत्रियों की वियना में 176वीं बैठक के अवसर पर सीएनबीसी टीवी चैनल से इंटरव्यू में कहा कि तेल के मुद्दे को राजनैतिक रंग न दिया जाए।

वियना में यह बैठक ऐसी स्थिति में संपन्न हुयी कि इस संगठन के कुछ सदस्य देशों के व्यवहार की वजह से ओपेक के भविष्य पर ख़तरे के बादल मंडरा रहे है।

जबसे अमरीका ने पाबंदियों के दायरे को तेल तक बढ़ाया है क़ीमतों में अस्थरिता की वजह से तेल के उपभोक्ता और उत्पादक बौखलाहट का शिकार हैं।

ईरान के तेल के निर्यात को रोकने के लिए अमरीका के फ़ैसले के बारे में जो समीक्षाएं सामने आ रही हैं उनके पीछे दो लक्ष्य नज़र आ रहे हैं।

एक ईरान के तेल, गैस और पेट्रोकेमिकल के निर्यात के बाज़ार पर ज़्यादा से ज़्यादा दबाव डाल कर उसे अमरीकी शर्तों पर परमाणु सहमति के लिए फिर से वार्ता की मेज़ पर आने के लिए मज़बूर करना है।

दूसरा लक्ष्य जो अमरीका के लिए बहुत अहमियत रखता है वह तेल के बाज़ार पर क़ब्ज़ा जमाना है।

अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प एशिया के बाज़ार में ईरान के तेल के निर्यात के हिस्से को हथिया कर उसे अमरीका की तेल कंपनियों को देना चाहते हैं।

जैसा कि इससे पहले ईरान के पेट्रोलियम मंत्री ज़न्गने साफ़ तौर पर कह चुके हैं कि ईरान अपने हितों के लिए ओपेक का सदस्य है, अगर ओपेक के कुछ देश ईरान को धमकाने का इरादा रखते हैं तो जान लें कि तेहरान उन्हें जवाब देने से हिचकिचाएगा नहीं। (MAQ/T)