योरोपीय परिषद के प्रमुख से रूहानी की बातचीत, स्वाधीन नीति अपनाने पर बल और अमरीका के आर्थिक आतंकवाद पर हुयी चर्चा
राष्ट्रपति डॉक्टर हसन रूहानी ने योरोपीय संघ से अमरीकी दबाव में न आते हुए स्वाधीन नीति अपनाने की मांग की है।
उन्होंने अमरीका के ग़लत व हानिकारक आकलन को ईरान सहित क्षेत्र की पहचान में उसकी अक्षमता का कारण बताते हुए कहा योरोपीय संघ को चाहिए कि वह वॉशिंग्टन के दबाव में न आए और ऐसा रवैया न अपनाए जिससे ईरान उसकी ओर से निराश हो।
उन्होंने गुरुवार को योरोपीय परिषद के प्रमुख चार्ल्स मिशेल से टेलीफ़ोन पर बातचीत में कहा कि अगर योरोपीय संघ क्षेत्र में शांति व स्थिरता की ओर बढ़ना चाहता है तो तेहरान भी इस संघ के साथ सहयोग व भागीदारी के लिए तय्यार है।
ईरानी राष्ट्रपति ने योरोप से अमरीका के आतंकवादी कृत्य के संबंध में प्रतिक्रिया दिखाने की मांग करते हुए कहा कि अमरीका ईरान के ख़िलाफ़ पाबंदी तेज़ करते हुए दवाओं और खाद्य पदार्थ के क्षेत्र में आर्थिक आतंकवाद कर रहा है और ईरान के महान कमान्डर की हत्या कर उसने सभी अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर से इराक़ व लेबनान तक जनता का जनरल क़ासिम सुलैमानी की हत्या के बाद व्यापक प्रदर्शन, क्षेत्र में स्थिरता व सुरक्षा में इस महान हस्ती के योगदान व लोकप्रियता को दर्शाता है।
उन्होंने परमाणु समझौते जेसीपीओए के तहत ईरान की ओर से की गयी पांचवे चरण की कार्यवाही को संतुलन क़ायम करने की दिशा में उठाया गया क़दम बताया। उन्होंने कहा कि ईरान परमाणु ऊर्जा एजेंसी आईएईए के साथ सहयोग जारी रखेगा।
इस मौक़े पर योरोपीय परिषद के प्रमुख चार्ल्स मिशेल ने ईरान में ताज़ा घटना पर सांत्वना देते हुए कहा कि जेसीपीओए 10 साल की बातचीत की उपलब्धि थी जिसे सुरक्षित रखने के लिए योरोपीय संघ पूरी कोशिश करेगा।
उन्होंने कहा कि योरोप क्षेत्र सहित विश्व मंच पर राजनैतिक माहौल में सार्थक रोल निभाने के लिए पूरी कोशिश करेगा। उन्होंने कहा कि योरोप ने अमरीका से कहा है कि अब वह इससे ज़्यादा क्षेत्र में तनाव पैदा न करे। (MAQ/N)