आईएईए के निदेशक मंडल में ईरान के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पेश करने के पीछे ब्रिटेन, फ़्रांस और जर्मनी का लक्ष्य
इरान ने आईएईए के निदेशक मंडल के प्रस्ताव को अस्वीकार्य बताते हुए कहा है कि यह प्रस्ताव अमरीका और तीन योरोपीय देशों की ओर से विशिष्टता लेने की कोशिश है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मूसवी ने आईएईए के निदेशक मंडल के राजनीती से प्रेरित प्रस्ताव को पूरी तरह रद्द करते हुए कहा कि ऐसी हालत में जब ईरान आईएईए के साथ उच्चस्तरीय सहयोग कर रहा है निदेशक मंडल का प्रस्ताव पूरी तरह असार्थक व निराशाजनक क़दम है।
उन्होंने कहा कि आईएईए के निवेदन का अमरीका की अगुवाई में बढ़ा चढ़ा कर पेश किया जाना ऐसी हालत में जब आईएईए की ओर से इस तरह का निवेदन सवाल के दायरे में आता है, ईरान और आईएईए के बीच सहयोग के रास्ते में रुकावट डालने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि ईरान और आईएईए के संबंधों में तनाव पैदा करने के लिए इस प्रस्ताव के लाने वाले ज़िम्मेदार होंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मूसवी ने उन सरकारों के बारे में जिन्होंने इस प्रस्ताव के पीछे राजनैतिक लक्ष्य की सही पहचान कर इसका साथ देने से इंकार किया, कहा कि निदेशक मंडल के जिन सदस्यों ने इन प्रस्तावों के पक्ष में वोट दिया, उम्मीद थी कि वे इस्राईल और अमरीका के छिपे लक्ष्य को समझकर उनका साथ नहीं देंगे, उनका लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ग़ैर ज़रूरी तनाव पैदा करना है।
अब्बास मूसवी ने निदेशक मंडल के सदस्यों से अमरीका और इस्राईल की उन कोशिशों के संबंध में होशियार रहने की अपील की जिस्का लक्ष्य उस झूठी फ़ाइल को फिर से खोलना है जिसका बेबुनियाद होना इससे पहले साबित हो चुका है और ख़ुद निदेशक मंडल उसे ख़त्म क़रार दे चुका है।
उन्होंने ब्रिटेन, फ़्रांस और जर्मनी की ओर से इस प्रस्ताव के पेश किए जाने की निंदा करते हुए कहा कि ये तीनों सरकारें अपने इस क़दम के ज़रिए परमाणु समझौते जेसीपीओए के संबंध में अपनी ज़िम्मेदारियों से फ़रार करना चाहती हैं।(MAQ/N)