ईरानी वैज्ञानिक की हत्या का विस्तृत ब्योरा, कितनी गोलियां चलीं...
(last modified Sun, 06 Dec 2020 19:23:00 GMT )
Dec ०७, २०२० ००:५३ Asia/Kolkata
  • ईरानी वैज्ञानिक की हत्या का विस्तृत ब्योरा, कितनी गोलियां चलीं...

ईरान की सशस्त्र सेना के वरिष्ठ कमान्डर जनरल अली फ़दवी ने ईरान के परमाणु और रक्षा वैज्ञानिक शहीद मोहसिन फ़ख़्रीज़ादे की हत्या विस्तृत ब्योरा पेश किया है।

फ़ार्स न्यूज़ एजेन्सी की रिपोर्ट के अनुसार जनरल अली फ़दवी ने रविवार की शाम तेहरान विश्वविद्यालय में छात्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दुश्मन, विज्ञान के क्षेत्र में हमारे वैज्ञानिकों और संघर्षकर्ताओं को सहन नहीं कर पा रहे हैं और उनकी हत्या कर देते हैं।

उन्होंने कहा कि संघर्ष का मार्ग कभी ख़त्म नहीं होता क्योंकि यह रास्ता हमेशा जारी रहने वाला है। जनरल फ़दवी ने कहा कि दुनिया में केवल केवल दो ही रास्ते हैं सत्य का या असत्य का, ईश्वर के मानने वाले और शैतानों के पुजारी एक दूसरे के मुक़ाबले में हैं और ईश्वर ने यह इरादा कर लिया है कि ईश्वर के मानने वालों को विजय हासिल हो।

जनरल फ़दवी ने कहा कि हालिया डेढ़ वर्षों में हमने अमरीका से सीधे युद्ध किया। उन्होंने कहा कि दुश्मन अगर हमारे साथ कठिन युद्ध में दाख़िल नहीं हुआ तो इसका मतलब यह है कि उसमें साहस ही नहीं था।

उन्होंने जनरल क़ासिम सुलैमानी की शहादत का बदला लेने के बारे में एक छात्र द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा कि बदले की शैली हम चुनेंगे, हमने अमरीका की नाक रगड़कर रख दी।

उनका कहना था कि अमरीका के एक रक्षामंत्री ने संयुक्त अरब इमारात की जफ़रा छावनी में कहा था कि हमको ईरान के सामने संभल कर रहना चाहिए, वास्तव में वह हमारी कार्यवाहियों के जवाब में ऐसी कार्यवाहियां करते हैं जो सबसे कमज़ोर लोग करते हैं, वह ज़िम्मेदारी लेने से घबराते हैं और ट्रम्प ही पहला आदमी था जिसने यह काम किया।

उन्होंने एक छात्र द्वारा पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में कि अगर जनरल क़ासिम सुलैमानी का कठोर बदला लिया जाता तो शहीद फ़ख़्रीज़ादे की हत्या न होती, कहा कि हम इस समय इस चरण में हैं कि दुश्मन हमारे मुक़ाबले में रक्षात्मक स्थिति में है, 39 साल पहले हमने अमरीका के साथ अपनी सीमाओं पर युद्ध किया और अब हम अमरीका में उसके घर में उससे लड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि शहीद फ़ख़्रीज़ादे के साथ 11 सुरक्षाकर्मी थे और वानेट का धमाका भी सुरक्षाकर्मियों को रास्ते से हटाने के लिए था, उनका कहना था कि घटना स्थल पर कोई व्यक्ति नहीं था और परमाणु वैज्ञानिक पर 13 गोलियां फ़ायर हुईं जो सारी की सारी वानेट से ही फ़ायर हुई थीं जबकि बाक़ी गोलियां गार्डस ने चलाई थीं।

जनरल फ़दवी ने कहा कि वानेट स्मार्ट सिस्टम से लैस थी जो शहीद फ़ख़्रीज़ादे पर निशाना साधे हुए थी और उसे सैटेलाइट से कंट्रोल किया जा रहा था। उनका कहना था कि सुरक्षा गार्ड्स की टीम के प्रमुख को भी गोलियां लगीं क्योंकि उसने अपने आपको शहीद फ़ख़्रीज़ादे पर गिरा दिया था और ज़्यादा गोलियां लगने से वह भी शहीद हो गया।

जनरल अली फ़दवी ने कहा कि वैज्ञानिक फ़ख़्रीज़ादे की शहादत, कमर में गोली लगने से हुई और कमर में गोली लगने से उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गयी थी। (AK)

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