अरब देशों का ट्रम्प की नीतियों पर चलना हुआ बेकार, चार साल हुए बर्बाद, ईरान वार्ता के लिए तैयार...
विदेशमंत्री ने कहा है कि क्षेत्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हम फ़ार्स की खाड़ी के देशों के साथ वार्ता के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ट्रम्प महोदय तो चले गए किंतु उनकी मतभेद फैलाने वाली नीतियों के अनुसरणकर्ता अब पछता रहे होंगे।
विदेशमंत्री जवाद ज़रीफ़ ने कहा है कि क्षेत्र की शांति के उद्देश्य से वार्ता पर ईरान की तत्परता कोई नई बात नहीं है। जवाद ज़रीफ़ ने कहा कि यह विषय, ईरान की दीर्घकालीन नीति का भाग है। ईरान के विदेशमंत्री का कहना था कि फ़ार्स की खाड़ी के कुछ देशों के लिए अब यह सिद्ध हो चुका होगा कि वे चार वर्षों तक ट्रम्प की मतभेद फैलाने वाली नीतियों का शिकार रहे। उन्होंने कहा कि इन देशों ने अपने चार साल गंवा दिये। अब ट्रम्प तो जा चुके हैं किंतु हम और आप अब भी मौजूद हैं।
इसी बीच विदेशमंत्री जवाद ज़रीफ़ ने संयुक्त राष्ट्रसंघ को किये जाने वाले भुगतान के बारे में कहा कि ईरान की सरकार ने राष्ट्रसंघ की बक़ाया राशि को अदा करने के लिए एक स्रोत को चिन्हित किया था किंतु अमरीका ने इस मार्ग में बाधा डाल दी। जवाद ज़रीफ़ ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रसंघ की 16 मिलयन डाॅलर की राशि अदा करने के लिए ईरान के दक्षिणी कोरिया में मौजूद अपने पैसे से उसका भुगतान करना चाहा किंतु अमरीका ने इस राशि को राष्ट्रसंघ के खाते में जाने नहीं दिया।
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