ईश्वरीय धर्मों की एकजुटता का आदर्श है ईरानः ईसाई धर्मगुरू
आर्च बिशप मारनेरसाई ने कहा है कि स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी (र.ह) के विचार, धर्मों के बीच एकता का कारण बने हैं।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, ईरान के वरिष्ठ आर्च बिशप ने बताया कि इस्लामी क्रांति की शिक्षाओं में ईश्वरीय धर्मों के बीच मतभेदों की निंदा की गई है। उन्होंने बताया कि कुछ वर्ष पहले ईरान की संसद में एक क़ानून बनाया गया था जिसमें कहा गया था कि दूसरे धर्मों का अपमान अनुचित है। इस ईसाई धर्मगुरू ने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान में अल्पसांख्यकों के लिए आज़ादी को सुनिश्चित किया गया है।
आर्च बिशप मारनेरसाई ने यह बातें, गुरूवार की रात स्वतंत्रता प्रभाव के अवसर पर एक ईसाई शहीद के बारे में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर कहीं। उन्होंने बताया कि इस समय ईरान के उरूमिया शहर में 80 गिरजाघर मौजूद हैं और यह नगर विभिन्न धर्म के मानने वालों के नगर के रूप में जाना जाता है। ईरान के इस ईसाई धर्मगुरू का कहना था कि देश में अल्पसंख्यकों के लिए जो नियम निर्धारित किये गए हैं वे सरकारों के बदलने से नहीं बदलते क्योंकि यह संविधान का भाग हैं।
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