घमंड से बचो, इमाम मुहम्मद बाक़िर (अलैहिस्सलाम) की 9 नैतिक व अख़लाक़ी हदीसें
पार्सटुडे- इमाम मुहम्मद बाक़िर (अलैहिस्सलाम) ने, जो इस्लाम के पैगम्बरे इस्लाम (स.अ.) के वंशज हैं, घमंड और खुद को बड़ा समझने को उस सवारी के समान बताया है जो अपने सवार को आग व नरक की ओर ले जाती है।
इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ.स.) इमाम हुसैन (अ.स.) के पोते हैं। उनके पिता इमाम सज्जाद (अ.स.) और माता फ़ातिमा, इमाम हसन (अ.स.) की बेटी थीं। इस तरह उनका वंश इमाम हसन और इमाम हुसैन, दोनों से मिलता है। कर्बला की हृदयविदारक घटना के समय उनकी उम्र 4 साल थी। वे अपने पिता की शहादत के बाद वर्ष 714 ईस्वी में इमाम बने और 733 ईस्वी तक 19 वर्षों तक अहलेबैत के अनुयायियों के ईश्वरीय मार्गदर्शक रहे। उनका प्रसिद्ध उपनाम "बाक़िरुल उलूम" उन्हें शिया सांस्कृतिक क्रांति और इस्लामी ज्ञान आंदोलन के संस्थापक के रूप में जाना जाता है।
यहां पार्स टुडे ने इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम के हवाले से कुछ हदीसें पेश की हैं।
1. ज्ञान से लाभ उठाना
वह विद्वान सत्तर हज़ार इबादत करने वालों से श्रेष्ठ होता है जिसके ज्ञान से लाभ उठाया जाये।
2. अवसर व मौकों का उपयोग
सावधान व होशियार! समय को बर्बाद न करना क्योंकि यह वह मैदान है जिसमें समय बर्बाद करने वाला नुकसान उठाता है।
3. इमाम हुसैन की ज़ियारत
अगर लोग जान लें कि इमाम हुसैन की क़ब्र की ज़ियारत में क्या फ़ज़ीलत है, तो वे उसके शौक में मर जाएँ।"
4. मुस्कराहट
एक इंसान का अपने मोमिन भाई के सामने मुस्कुराना एक नेकी व सवाब है।
5. अच्छी बात स्वीकार करना
अच्छी बात को स्वीकार करो चाहे कहने वाला उस पर अमल करता हो या नहीं।
6. शर्मीला और सहनशील व्यक्ति
निःसंदेह अल्लाह उस व्यक्ति को पसंद करता है जो शर्मीला, सहनशील, पाक और आत्म-संयमी हो।
7. घमंड से परहेज़
घमंड वह सवारी है जो अपने सवार को आग की ओर ले जाती है।"
8. ज़ुल्म व अत्याचार
दुनिया में ज़ुल्म करना, आख़ेरत के अंधेरों और परेशानियों का कारण है।
9. श्रेष्ठ नैतिकताएँ व मकारिमे अख़लाक़
तीन बातें दुनिया और आख़िरत की नैतिक ऊँचाइयों में से हैं:
उससे दरगुज़र करना जिसने तुम पर ज़ुल्म किया है।
उससे रिश्ता जोड़ना जिसने तुमसे रिश्ता तोड़ा
उस समय धैर्य रखना जब कोई तुम्हारे साथ जाहिलाना व्यवहार करे। MM