Aug ३०, २०२३ १८:३७
लगभग एक दशक का समय बीत रहा है तब से भारत में सांप्रदायिकता, राजनीति के केंद्र में आ गई। आधुनिक भारत के मंदिर बनाने की बजाए मस्जिदों के नीचे मंदिर खोजे जाने लगे। इससे सामाजिक विकास की प्रक्रिया बाधित हुई है और विकास का सिलसिला थम सा गया है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इसी दौर में सबका साथ सबका विकास का नारा सबसे ज़्यादा ज़ोर और शोर से लग रहा है।